तनवीर
हरिद्वार, 17 दिसम्बर। पर्यटन विभाग श्यामपुर में स्थित अंग्रेजों की एक जेल को एडवेंचर टूरिज्म से जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। ब्रिटिश कालीन इस थाने और जेल का इतिहास इंडियन रोबिन हुड कहे गए सुल्ताना डाकू से जुड़ा हुआ है।
हरिद्वार के श्यामपुर इलाके में खंडहरनुमा और जर्जर हो चुकी एक इमारत मौजूद है। एक समय में अंग्रेज यहां से कानून व्यवस्था संभालते थे। करीब सवा सौ साल पुरानी इस इमारत को इलाके में अंग्रेजों की जेल या थाने के नाम से जाना जाता है। इस जेल का इतिहास 20वीं सदी की शुरुआत में अंग्रेजों और शोषणकारी साहूकारों के लिए खौफ का पर्याय रहे सुल्ताना डाकू से जुड़ा हुआ है।
बताया जाता है कि जब सुल्ताना डाकू को पकड़ने के लिए फ्रेडी यंग नाम के एक स्पेशल ऑफिसर को बुलाया गया तो सुल्ताना को गिरफ्तार करने के बाद कुछ समय तक इस जेल में रखा गया था। पर्यटन विभाग इस इमारत को संरक्षित कर इसे झिलमिल झील सफारी के साथ जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है।
20वीं सदी की शुरुआत में हरिद्वार, बिजनौर, कोटद्वार, मुरादाबाद इलाके में एक्टिव रहे सुल्ताना डाकू के बारे में कई लोककथाएं और किंवदंतियां प्रचलित हैं। जिसमें उसे अंग्रेजों और अमीरों से धन लूटकर गरीबों की मदद करने वाला रॉबिन हुड बताया जाता है। सुल्ताना डाकू को लोग एक रोचक किरदार मानते हैं। इसलिए सुल्ताना के नजीबाबाद स्थित किले पर भी सैलानियों का तांता लगा रहता है। श्यामपुर के स्थानीय लोग मानते हैं कि अगर इस जेल को सुल्ताना डाकू की जेल के नाम से प्रचारित किया जाएगा तो पर्यटक यहां जरूर आएंगे।
जिससे इलाके में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। हरिद्वार में गंगा स्नान और मंदिरों के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं, हालांकि यहां जंगल सफारी और एडवेंचर टूरिज्म का भी बड़ा स्कोप है। ऐसे में पर्यटन विभाग अगर जंगल सफारी से सुल्ताना डाकू की जेल को जोड़ पाता है तो एडवेंचर टूरिज्म के शौकीनों के लिए यहां एक नई डेस्टिनेशन बन जाएगी।


