श्री विश्नोई आश्रम भीमगोड़ा के परमाध्यक्ष महंत स्वामी राजेन्द्रानंद हुए ब्रह्मलीन

Dharm
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प्रमोद गिरी


आश्रम परिसर में दी गई भू समाधि
हरियाणा में धार्मिक कार्यक्रम के उपरांत हृदयघात से हुआ निधन
संत समाज, सामाजिक संस्थाओं, राजनीतिकों और श्रद्धालुओं ने दी श्रद्धांजलि
त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन महंत राजेंद्रानंद-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

हरिद्वार, 16 अगस्त। भीमगोड़ा स्थित श्री विश्नोई आश्रम के परमाध्यक्ष महंत राजेंद्रानन्द महाराज ब्रह्मलीन हो गए। शनिवार को महंत राजेंद्रानन्द महाराज हरियाणा के सिरसा डबवाली में एक धार्मिक यात्रा के आयोजन के उपरांत हृदयाघात होने से ब्रह्मलीन हो गए थे। निधन के उपरांत उनकी पार्थिव देह को हरिद्वार लाया गया और भीमगोड़ा स्थित आश्रम परिसर में भूसमाधि दी गयी। ब्रह्मलीन महंत राजेंद्रानंद महाराज के शिष्य प्रणवानंद महाराज ने विधिविधान से संन्यास परम्परानुसार भू समाधि दी। स्वामी जयानंद, रमतानंद, राघवानंद, प्रभुतानंद, नरेशानंद, जगदेवानंद, विश्वंभरानन्द, स्वामी सर्वानंद, गोविंद शरणानंद, अमृतानन्द ,विश्वात्मानंद, गजानंद, सागरानंद, शतानंद आदि ने भू समाधि प्रदान करने में सहयोग किया।
महंत राजेंद्रानंद के ब्रह्मलीन होने पर संत समाज, सामाजिक संस्थाओं व राजनीतिक लोगों ने गहरा दुख व्यक्त करते उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ब्रह्मलीन महंत राजेंद्रानंद महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए अखिल भारतीश् अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत राजेंद्रानन्द महाराज त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। सनातन धर्म संस्कृति गौ, गंगा, गीता को समर्पित ब्रह्मलीन उनका जीवन सदैव सभी को प्रेरणा देता रहेगा। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी महराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत राजेंद्रानंद महाराज एक प्रखर संत थे। उनके असमय ब्रह्मलीन होने से सनातन धर्म और संत समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। उनके त्यागमयी जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय महासचिव श्रीमहंत महेश पुरी ने बताया कि महंत राजेंद्रानन्द एक विलक्षण प्रतिभा के संत थे। उन्होंने आश्रम परम्पराओं को बढ़ाने में कोई कोर कमी नहीं छोड़ी। महामंडलेश्वर चिदविलासानंद सरस्वती एवं महामंडलेश्वर अनंतानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज ने देश में संत समाज की महिमा को प्रकाशित करने का काम किया। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नगर विधायक मदन कौशिक ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत राजेंद्रानंद महाराज का समूचा जीवन देश, समाज ओर सनातन धर्म को समर्पित था। उन्होंने विश्नोई समाज को राष्ट्रीय पटल पर नई पहचान दिलाने का काम किया। ब्रह्मलीन महंत राजेंद्रानंद महाराज को
महंत दुर्गादास, महंत दिनेशदास, महंत रविदेव शास्त्री, महंत हरिहरानंद, निर्धन निकेतन के परमाध्यक्ष ऋषि रामकृष्ण, बाबा हठयोगी, आचार्य कृष्णानंद ऋषिकेश, स्वामी सत्यप्रकाश भोपालगढ़, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी आत्मदेव, स्वामी रामेश्वरामानंद, स्वामी विष्णुद्याल, महेशानंद, आचार्य स्वामी रामश्रनानंद, स्वामी शिवानंद, स्वामी सुखदेव मुनि, अखिलेश मुनि,आचार्य डा.स्वामी सुदेवानंद महाराज, जसरांदास महाराज, रामशरणानंद , रमतानंद, शिवानंद, महेशा नन्द, श्रीमहंत गोपाल गिरि, महंत प्रेमदास जांभा, सागरानंद, शतानंद, अखिलेशानंद, धर्मेंद्र विश्नोई, दीपक विश्नोई, कर्मवीर विश्नोई, शुभम् चौधरी, इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला, अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई सभा के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कड़वासरा, जैन सभा के पूर्व अध्यक्ष घीसाराम जैन, आदमपुर व्यापार मंडल अध्यक्ष तरसेम गोयल, श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक, दशनाम गोस्वामी अखाड़ा के अध्यक्ष प्रमोद गिरि, डा.अशोक गिरि, मधुकांत गिरि, प्रवेश गिरि, समाजसेवी भाजपा नेता बृजभूषण विद्यार्थी, एडवोकेट वीरेंद्र तिवारी, श्री राम नाट्य संस्थान भीमगोड़ा के अध्यक्ष प्रमोद घिड़ियाल, महामंत्री पार्षद सुमित चौधरी, महावीर वशिष्ठ, अनिल वशिष्ठ, नगर निगम पार्षद सूर्यकांत शर्मा, पूर्व पार्षद लखनलाल चौहान, विनीत जोली, कैलाश भट्ट, श्रमिक नेता राजेंद्र श्रमिक, आदित्य गौड़, बाबू पांडे, राजीव गिरि, पिंकी अग्रवाल सहित हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली से आए श्रद्धालु भक्तों ने ब्रह्मलीन महंत राजेंद्रानंद महाराज को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

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