ब्यूरो
हरिद्वार, 25 अक्तूबर। दीपावाली पर दो नेत्रहीनों की जिंदगी में उजाले की किरण दौड़ेगी। ब्लड वालंटियर्स हरिद्वार के संस्थापक सदस्य शेखर सतीजा की माता श्रीमती कान्ता रानी के देहावसान के उपरांत उनके नेत्रों को दो नेत्रहीन व्यक्तियों में प्रत्यारोपित किया जाएगा। जिससे नेत्रहीनों की जिंदगी में उजाला होगा। शेखर सतीजा की माता श्रीमती कान्ता रानी का आकस्मिक देहांत हो गया था। देहांत के उपरांत सतीजा ने ब्लड वॉलिंटियर्स हरिद्वार के संस्थापक अध्यक्ष अनिल अरोड़ा को सूचित किया।
सूचना मिलते ही अनिल अरोड़ा अपने साथी तुषार गाबा के साथ शेखर सतीजा के निवास पर पहुंचे और तत्पश्चात एम्स हॉस्पिटल आई बैंक ऋषिकेश से आई टीम ने दोनों नेत्र सकुशल प्राप्त किये। दोनों नेत्रों को आई बैंक एम्स ऋषिकेश ले जाया गया। जहां जांच उपरांत दोनों नेत्र बिल्कुल सकुशल पाए गए। जिनको अब जल्द ही दो नेत्रहीन व्यक्तियों में प्रत्यरोपित कर दिया जायेगा। जिससे दो नेत्रहीन परिवारों में खुशियां लौट आएंगी। ब्लड वॉलिंटियर्स हरिद्वार के अनिल झांब व विक्रम गुलाटी ने बताया कि ब्लड वॉलिंटियर्स हरिद्वार के अथक प्रयास से नेत्रहीन परिवारो में नेत्र ज्योति जागने की उम्मीद जगी है।
उन्होंने बताया कि वह हर सम्भव प्रयास करते हैं कि किसी की मृत्यु के बाद उनके नेत्रदान कराकर नेत्रहीन व्यक्तियों की जिंदगी में उजाला कर सकें। ब्लड वालंटियर्स हरिद्वार के सदस्य अशोक कालरा, अंकित नेगी, विशाल अरोड़ा, विशाल अनेजा, राजू अरोड़ा, नवदीप अरोड़ा, हितेश कथूरिया आदि ने श्रीमती कान्तारानी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिवार को सांत्वना प्रदान की।