तनवीर
हरिद्वार, 24 जनवरी। गुरुकुल कांगड़ी (डीम्ड यूनिवर्सिटी) के अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संकाय में दो दिवसीय डिजिटल वॉलंटियर फॉर उत्तराखंड कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य स्कूल जाने वाले छात्रों को नवीनतम तकनीकों का परिचय कराना और उन्हें नवाचार व डिज़ाइन थिंकिंग के क्षेत्र में प्रेरित करना है।
इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय में आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में जिले के डिवाइन लाइट स्कूल, डीपीएस दौलतपुर, ओलिविया इंटरनेशनल स्कूल, बीएमडीएवी पब्लिक स्कूल, डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, माँ सरस्वती पब्लिक स्कूल के 200 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। कार्यशाला में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), डिज़ाइन थिंकिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर सत्र आयोजित किए गए। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ एनआईईएलआईटी के संयम और विनय ने विभिन्न तकनीकी प्रगति पर रोचक जानकारी दी। कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो.मयंक अग्रवाल ने हमारे आसपास की तकनीक पर एक प्रेरक व्याख्यान दिया,।
कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डा.सुयश भारद्वाज ने नवाचार और डिज़ाइन थिंकिंग की अवधारणाओं पर अपने विचार साझा किए। डिज़ाइन थिंकिंग सत्र ने छात्रों को रचनात्मकता और संरचित समस्या-समाधान की तकनीकों को समझने और अपनाने में मदद की। अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संकाय के छात्र आशीष मधुप, सुब्रत राज और श्री राहुल ने भी स्कूल के छात्रों को आईओटी ओर रोबाटिक्स तकनीकी से परिचित कराया। आईओटी सत्र में यह दिखाया गया कि कैसे स्मार्ट डिवाइस एक-दूसरे से संवाद करके बुद्धिमान प्रणालियाँ बनाते हैं। छात्रों को कृषि, स्वास्थ्य सेवा और औद्योगिक स्वचालन में आईओटी के व्यावहारिक उपयोगों का अन्वेषण करने के लिए प्रेरित किया गया। छात्रों को एआई के मूल सिद्धांतों और विभिन्न उद्योगों में इसके उपयोग के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यशाला में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के छात्रों ने आरसी प्लेन, ड्रोन, और आईओटी-सक्षम रोवर का प्रदर्शन भी किया। कार्यशाला के आयोजन में प्रो.मयंक अग्रवाल, सह आयोजक डा.सुयश भारद्वाज, डा.निशांत कुमार, नमित खंडूजा, अभिषांत, अश्वनी, कुलदीप, अमन त्यागी, मुकेश आर्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही। देवानंद जोशी, कृष्णवीर सिंह एवं चंदर राणा ने सहयोग दिया।
इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन, प्रो. विपुल शर्मा ने आयोजन टीम और प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने कहा यह कार्यशाला युवा मन को नवीनतम तकनीकों के ज्ञान से सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मुझे उम्मीद है कि यह पहल छात्रों को नवाचार के लिए प्रेरित करेगी और उत्तराखंड की तकनीकी प्रगति में योगदान देगी।
रजिस्ट्रार प्रो.सुनील कुमार ने आयोजन टीम और प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा स्कूल के छात्रों को इतनी कम उम्र में नवीनतम तकनीकी प्रगति से परिचित कराना एक सराहनीय प्रयास है। यह न केवल जिज्ञासा को प्रज्वलित करता है बल्कि एक भविष्य के लिए तैयार पीढ़ी का मार्ग भी प्रशस्त करता है। कुलपति प्रो.हेमलता ने कहा यह पहल युवा नवप्रवर्तकों को पोषित करने की दिशा में एक कदम है, जो अपनी रचनात्मकता और तकनीकी कौशल के साथ भविष्य को आकार दे सकते हैं। विभिन्न स्कूलों के छात्रों की भागीदारी उत्तराखंड के युवाओं के उत्साह और क्षमता को दर्शाती है।