समाज को देश और धर्म रक्षा की प्रेरणा देता है गुरू गोविंद सिंह का जीवन-साक्षी महाराज
धर्म रक्षा के लिए गुरू गोविंद सिंह ने किया सर्वस्व बलिदान-महंत ज्ञानदेव सिंह
अमूल्य है सिख गुरूओं का बलिदान-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार, 12 सितम्बर। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में गुरु गोविंद सिंह स्मृति पंचमी महोत्सव का आयोजन भव्य रूप से किया गया। अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज की अध्यक्षता में संपन्न हुए पंचमी महोत्सव में सभी तेरह अखाड़ों के ंसंत महापुरूष शामिल हुए। इस दौरान सभी संतों ने अखाड़े में स्थित गुरुद्वारे में अखंड पाठ, भोग, आरती पूजन और अरदास की और राष्ट्र सेवा में गुरु गोविंद सिंह के योगदान का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया।
अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर सिंह के संचालन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के महामंडलेश्वर एवं सांसद स्वामी हरिसच्चिदानंद साक्षी महाराज ने कहा कि सिख पंरपरा बलिदान की परंपरा है। धर्म रक्षा के लिए सर्वस्व बलिदान करने वाले गुरू गोविंद सिंह का त्यागमयी जीवन समाज को देश और धर्म रक्षा की प्रेरणा देता है।
श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि महान योद्धा, कवि, भक्त और आध्यात्मिक गुरु गुरू गोंिवंद सिंह का जीवन सेवा और सच्चाई का प्रतीक है। उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा और सच्चाई के लिए समर्पित किया। धर्म की रक्षा के लिए उनका बलिदान हमेशा समाज को प्रेरणा देता रहेगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए सिख गुरुओं का बलिदान अमूल्य है। गुरु गोविंद सिंह का प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश आज भी समाज को मार्गदर्शन प्रदान करता है।
कोठारी महंत जसविंदर सिंह ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महान गुरूजनों के दिखाए मार्ग पर चलते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल समाज सेवा, धर्म रक्षा और राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने के साथ विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से शिक्षा और मानव कल्याण में भी अहम भूमिका निभा रहा है।
अखाड़े के पूर्व सचिव महंत बलवंत सिंह, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी ने गुरु गोविंद सिंह की शिक्षाओं और खालसा पंथ की स्थापना के संबंध में श्रद्धालु भक्तों को अवगत कराते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिह ने मुगलों के अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष करते हुए धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। अखाड़े के महंत अमनदीप सिंह, सचिव महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री, महंत खेमसिंह, संत बलवीर सिंह ने फूलमाला पहनाकर सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया।
इस अवसर पर महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी, महंत प्यारा सिंह, महंत निर्भय सिंह, समाजसेवी अतुल शर्मा, बीबी बिनिंदर कौर सौढ़ी, महंत रंजय सिंह, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत विष्णुदास, महंत प्रेमदास, महंत सूरजदास, महंत तेजा सिंह, महंत गंगादास उदासीन, महंत राघवेंद्र दास, महंत मुरली दास, स्वामी भगवत स्वरूप, स्वामी सुतिक्ष्मण मुनि, महंत दामोदरशरण दास, स्वामी दिनेश दास, महंत श्यामप्रकाश, महंत बिहारी शरण, महंत नारायण दास पटवारी सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत-महापुरुष और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।