गौरव रसिक
हरिद्वार, 28 अक्टूबर। समाजसेवी अजय नोटियाल ने कहा कि नगर निगम की सफाई व्यवस्था की बदहाली का आलम यह है कि कई कई दिनों तक कूड़ा नहीं उठने से सड़कों पर लगे कूड़े के ढेर में मूंह मारते पशु आम देखे जा सकते हैं। नगर निगम का विस्तार कर शामिल किए गए जगजीतपुर क्षेत्र के सभी वार्डो में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। जगजीतपुर के तमाम मोहल्लों व कालोनियों में सड़कों पर न तो ठीक से झाड़ू लगती है। ना ही कूड़ा उठता है। नालियों की सफाई नहीं होने की वजह से गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है।
जगजीतपुर क्षेत्र की ही राजा गार्डन कालोनी में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। कई कई दिनों तक कूड़ा नहीं उठने सड़कों पर फैले कूड़े में अन्य पशुओं के साथ गाय भी मूंह मारती रहती हैं। नोटियाल ने कहा कि वर्तमान राजनीति में गाय की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। गाय को राष्ट्र माता का दर्जा देने के लिए प्रदेश सरकार विधानसभा में संकल्प भी पारित कर चुकी है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि गाय को राजनीति का मुद्दा बनाने वाली पार्टी के लोग भी सड़कों पर आवारा घूम गौ माता को संरक्षण देने के लिए कोई पहल नही कर रहे हैं।
कूड़े के ढेर पर मूंह मारती गाय के दृश्य आम देखने को मिल जाते हैं। नगर निगम के शपथ ग्रहण समारोह में नवनिर्वाचित मेयर व पार्षदों ने शपथ लेते हुए शहर को स्वच्छ बनाने के लिए ठोस कदम उठाने का वादा किया था। विस्तारीकरण के बाद नगर निगम में जुड़े नए वार्डो से जो पार्षद निर्वाचित हुए हैं। वे भी अपने वादों पर खरा नहीं उतर रहे हैं। वार्ड नंबर 58 की राजा गार्डन कालोनी में मुख्य सड़क पर फैले कूड़े में खाना तलाशती गाय को देखकर मन खिन्न हो गया कि एक ओर तो सरकार गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को संकल्प पत्र भेज रही है।
वहीं दूसरी ओर गौ माता की ऐसी दुर्दशा हो रही है। सवाल उठ रहे है कि वह कौन सा पैमाना है जिससे वह यह अंदाजा लग सके कि कौन सी गाय गौ माता है और कौन सी नहीं। कई समाजिक संगठन भी बड़े बड़े दावे करते है कि गाय की सुरक्षा और संरक्षण करेंगे। लेकिन ऐसे दावे अखबारों की सुर्खियों आगे नहीं बढ़ पाते। गौ माता को लेकर कुछ धर्म के ठेकेदार व चंद राजनेता राजनीति करने में जुटे हुए है। सवाल उठता है कि एक तरफ तो गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की बात की जा रही वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर गाय आवारा पशुओं की तरह घूमती हुई दिखाई दे रही है और कूड़े में अपने लिए भोजन तलाश रही है।
उत्तराखण्ड के विभिन्न इलाकों से गोकशी की खबरें सुनने में आती रही है। लेकिन इन वारदातों को रोकने के लिए कोई भी आगे आता हुआ नहीं दिख रहा है। सवाल उठता है कि दुर्गति व तिरस्कार कर शिकार हो रही गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने की हुंकार तो बहुत लोग लगा रहे है कोई उसे सम्मान देने के लिए आगे नहीं आ रहा है।