तनवीर
हरिद्वार, 17 जनवरी। मेलाधिकारी दीपक रावत एवं अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी पहुंचकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज को कुंभ मेले की व्यवस्थाओं से अवगत कराया। चर्चा के दौरान मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि पक्के निर्माण कार्य मेला प्रशासन पहले ही पूर्ण कर चुका है। कैंपों के लिए मिट्टी का समतलीकरण कर लगभग पांच सौ बिजली के खंबे खड़े कर दिए गए हैं। टायलेट के टेंडर भी हो चुके हैं। जिनका स्टाॅक वेरीफिकशन किया जा रहा है। टेंटों के डेंडर भी हो चुके हैं।
उनका वेरिफिकेशन हो चुका है। अब इन सभी कार्यो को मौके पर अलग-अलग सेक्टरों में व्यवस्थित करना है। जो कि गतिमान है। हमें पूरी उम्मीद है कि समय रहते सभी कार्य पूर्ण लिए जाएंगे। मेला अधिकारी दीपक रावत व अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने कहा कि सभी संत महापुरूष उनके लिए पूज्यनीय है। कुंभ मेले में अखाड़ों व संत महंतों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। श्रद्धालुओं की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि मेला प्रशासन द्वारा उन्हें विश्वास दिलाया गया है कि जनवरी के अंत तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। मकर संक्रांति के सफल स्नान के लिए मेला प्रशासन के सभी अधिकारी बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने भी कल अधिकारियों की बैठक कर कुंभा को दिव्य व भव्य बनाने को कहा है। अखिल भारतीय आखाड़ा परिषद भी प्रशासन व सरकार के साथ मिलकर कुंभ मेला दिव्य रूप से संपन्न कराने के लिए प्रयासरत है। उन्हें शासन व प्रशासन पर पूर्ण भरोसाा है। जमीन का समतलीकरण हो चुका है।
सरकार की जो भी गाइडलाईन होगी। उसका पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा। साथ में मेले की व्यवस्था व स्वरूप को बनाया जाएगा। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने मुख्यमंत्री व मेला प्रशासन को आशीर्वाद व धन्यवाद देते हुए कहा कि वे इसी तरह कुंभ कार्य पूरे करने में लगे रहें और मां गंगा की कृपा उन पर बनी रहे। उनका व सभी संतों का मानना है कि कुंभ मला दिव्य व भव्य होगा। निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि 12 वर्ष में होने वाला कुंभ मेला देश भर के संत समाज के लिए एक विशेष पर्व होता है। सभी संतों को एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए कुंभ मेले का सफल बनाना चाहिए। इस दौरान श्रीमहंत रामरतन गिरी, श्रीमहंत लखन गिरी, महंत मनीष भारती, महंत दिनेश गिरी, महंत नरेश गिरी, महंत नीलकंठ गिरी, दिगंबर गंगा गिरी, दिगंबर बलवीर पुरी, दिगंबर आशुतोष पुरी, स्वामी मधुर वन, स्वामी रवि वन, स्वामी रघु वन आदि उपस्थित रहे।