अमरीश
हरिद्वार, 8 मई। गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने हरकी पैड़ी पर अस्थि विसर्जन पर लगायी गयी रोक हटाए जाने पर प्रदेश सरकार व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को पटका पहनाकर उनका आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में गंगा में अस्थि विसर्जन किए जाने पर रोक लगाए जाने से देश भर के लोग अन्य स्थानों पर अपने परिजनों की अस्थियां प्रवाहित कर रहे थे। जबकि पौराणिक काल से विश्व प्रख्यात हर की पौड़ी सनातन धर्म की आस्था का केंद्र है।

मां गंगा का वह स्थान जहां पर लोग गंगा में स्नान कर अपने पापों को दूर करते हैं और अस्थि विसर्जन कर दिवंगत आत्माओं के मोक्ष की कामना भी परमात्मा से करते हैं। लेकिन विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस के चलते लाॅकडाउन होने के कारण अस्थि प्रवाह पर भी रोक लग गई थी। पिछले 45 दिनों से हरकी पैड़ी पर अस्थि प्रवाह नहीं हो पा रहा था। जिसके चलते अपने दिवंगत हुए परिजनों की आत्मा शांति के लिए विसर्जन न हो पाने के कारण आस्था अधर में लटकी हुई थी।
ऐसे में बृहस्पतिवार को हुई उत्तराखंड सरकार कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अस्थि विसर्जन पर से रोक हटनी चाहिए और एक ड्राइवर के साथ गाड़ी में दो व्यक्ति उत्तराखंड के हरिद्वार में अस्थि विसर्जन करने आ सकते हैं। इसके लिए अपने जिले के अधिकारियो से परमिशन लेकर आना होगा। इसी के साथ ही हरिद्वार के हरकी पौड़ी पर अस्थि विसर्जन का रास्ता साफ हो गया है। श्रद्धालु हरिद्वार आकर अपने पुरोहितों के सानिध्य में गंगा में अस्थि विसर्जन कर सकेंगे। इस दौरान गंगा सभा के सभापति कृष्णकुमार ठेकेदार, अध्यक्ष प्रदीप झा, आशुतोष शर्मा भी मौजूद रहे।