ऋषिकेश महाविद्यालय में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन 10अगस्त को

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अरविंद

“ऋषिकेश महाविद्यालय में आयोजित होगा पुरावनस्पति विज्ञान एवं वृक्षवलय कालक्रम विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार”
पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,ऋषिकेश (श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर) के वनस्पति विज्ञान विभाग एवं उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की सहकार्यता के तत्वाधान में आगामी सोमवार दिनांक 10 अगस्त 2020 को पैलियोबॉटनी (जीवाश्म पौधों का अध्ययन) एवं डेंड्रोक्रोनोलाॅजी (ट्री रिंग डेटिंग) विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया जाएगा।

वेबिनार का संचालन ज़ूम ऐप के माध्यम से हेगा। वेबिनार के आयोजन सचिव प्रो॰ गुलशन कुमार ढींगरा ने बताया कि श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो॰ पी.पी ध्यानी एवं उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो॰ ओ.पी. एस. नेगी इस वेबिनार में उपस्थित रहेंगे। वेबिनार के सह-आयोजन सचिव डाॅ॰ अनिल कुमार ने जानकारी दी कि विश्वविख्यात संस्थान बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (लखनऊ) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ॰ एस.एस.के पिल्लई एवं डा॰ संतोष शाह मुख्य वक्ता के रूप में पुरावनस्पति विज्ञान एवं वृक्षवलय कालक्रम से संबंधित नवीन अनुसंधानों के बारे में अपने व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।

अवगत करा दें कि डॉ॰ सुरेश कुमार पिल्लई वर्तमान में बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान में साइंटिस्ट ‘डी’ के पद पर कार्यरत हैं। वह मूल रूप से पर्मियन मेगाफॉसिल, गोंडवाना मेगास्पोर्स और पैलिनोलॉजिकल अध्ययन पर काम करते हैं। उनकी टीम ने भारतीय गोंडवाना मेगास्पोर्स रिकॉर्ड के भंडार और पुन:प्राप्ति के लिए सूचना प्रणाली आई.जी.एम.आई.एस पर एक सॉफ्टवेयर विकसित किया। आई.जी.एम.आई.एस भारत के पेलिओज़ोइक तथा मिसोज़ोइक अवसादों से दर्ज की गई 45 पीढ़ी और 159 प्रजातियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

वर्तमान में वह राजमहल और दामोदर बेसिन (भारत)के निचले गोंडवाना वनस्पतियों के क्यूटिकुलर, माॅरफोटैक्सोनौमी,बायोस्ट्रेटीग्राफी,ऑर्गेनिक जियोकेमेस्ट्री, पैलियोक्लाइमेट और पैलियोइकोलाॅजी नामक परियोजना पर काम कर रहे हैं। उन्होंने पहली बार भारत में लगभग 280 मिलियन वर्ष पुराने ग्लोसोप्टेरिस के पत्तों के स्टोमेटल इंडेक्स पर आधारित PCO2 की गणना की थी। यह इंटरनेशनल जरनल ऑफ कोल जियोलाॅजी मैं प्रकाशित हुआ था । उनके पास राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में उच्च इंपेक्ट फैक्टर वाले कारकों में 41 शोध पत्र प्रकाशित हैं। हाल ही में उन्होंने अगस्त 2019 को जर्मनी के कोलगैन में 19 वें आईसीसीपी में भाग लिया। कार्यक्रम के दूसरे वक्ता डा॰ संतोष शाह भी बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान में साइंटिस्ट ‘डी’ पद पर कार्यरत हैं।

उनकी शोध रुचि डेंड्रोक्लाइमेटोलाॅजी, आम युग पर जलवायु परिवर्तनशीलता का पुनर्निर्माण और विश्लेषण,सूखे,बाड़ नदी के प्रवाह के पुनर्निर्माण और ग्लेशियर के उतार-चढ़ाव, जलवायु क्षेत्र पुनर्निर्माण तथा पेलिनोलाॅजी मैं है। उन्होंने 52 पत्र प्रकाशित किए जिनमें 45 शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में हैं, 4 का योगदान पुस्तकों में अध्याय के रूप में हैं और 3 पत्र साइंटिफिक रिपोर्ट हैं। इसके अलावा वह भारत, नेपाल,भूटान और चीन में आयोजित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों मे रिसॉर्ट पर्सन या कोर्स इंस्ट्रक्टर रहे हैं। वह 2008 में बी.एस.वेंकटाचाल मेमोरियल गोल्ड मेडल के पहले प्राप्त करता, डी.एस.टी 2006 में यंग साइंटिस्ट अवार्ड तथा 2016 में डायमंड जुबली मेडल के प्राप्त करता रहे हैं।

उन्होंने 2019 के दौरान चीन में शोध कार्य करने के लिए प्रतिष्ठित आई.एन.एस.ए द्विपक्षीय एक्सचेंज फेलोशिप प्राप्त की। वे कई वैज्ञानिक संघों के सदस्य हैं और वर्तमान में एशियन डेंड्रोक्रोनोलाॅजिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष और एसोसिएशन ऑफ क्वाटरनरी रिसर्च के कोषाध्यक्ष हैं।कार्यक्रम की संरक्षक प्रो॰ सुधा भारद्वाज, प्राचार्या,पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय(ऋषिकेश) ने सभी से वेबिनार में भाग लेने का आग्रह किया एवं अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। वेबिनार के संयोजक प्रो॰ पी.डी. पंत डायरेक्टर, स्कूल ऑफ साइंस, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय(हल्द्वानी) तथा सह संयोजक प्रो॰ सुषमा गुप्ता, वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रमुख,पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (ऋषिकेश) ने आयोजन समिति का अभिनंदन किया एवं कार्यक्रम के उत्कृष्ट रुप से संपूर्ण होने की कामना करी।

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