तनवीर
हरिद्वार, 30 जुलाई। पीएम श्री जीजीआईसी ज्वालापुर गढ़वाल मंडल के सर्वाधिक छात्रा संख्या वाले विद्यालयों में से एक है। जहां प्रवेश के लिए सरकारी विद्यालयों को विभिन्न उत्सव मनाने पड़ रहे हैं। कई विद्यालय बंद भी होते जा रहे हैं। वहीं पीएम श्री जीजीआईसी ज्वालापुर में प्रवेश के लिए साल भर कतारे लगी रहती है। कुछ ही दिनों बाद विद्यालय में प्रवेश हेतु सारी सीटें भर जाती है और प्रवेश बंद करने पड़ते हैं। वर्तमान समय में विद्यालय में 1700 के करीब छात्राएं हैं। विद्यालय की अध्यापिकाओं और प्रधानाचार्य को पहले भी समय-समय पर विभिन्न पुरस्कार भी मिलते रहे हैं।
शिक्षा क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार शैलेश मटियानी शैक्षिक उत्कृष्ट पुरस्कार भी प्रधानाचार्य पूनम राणा को मिल चुका है। वर्तमान समय में विद्यालय को एक और प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया है। अंतरराष्ट्रीय ग्रीन स्कूल अवार्ड जिसके मानक काफी कठिन थे। विद्यालय को विभिन्न कसौटियों पर खरा उतरना था। विद्यालय ने समस्त वांछित शर्तों को पूरा किया। भारत के साथ अन्य देशों ने भी इस कैटेगरी में प्रतिवेदन भेजे थे। जिसमें विद्यालय द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में किए गए प्रयासों के नवाचारों का विवरण भेजना था। जिसके आधार पर विद्यालय का मूल्यांकन किया जाना था।
प्रधानाचार्य पूनम राणा ने बताया कि उनका कैंपस पूर्णता हरा भरा है तथा पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए विद्यालय में नित नूतन नवाचार किए जाते हैं। मेरा विद्यालय मेरा गमला, एक पेड़ मां के नाम, पॉलिथीन को ना बोले, स्वच्छ हरिद्वार हरित हरिद्वार, गंगा प्रहरी के अलावा जो भी कार्यक्रम विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण हेतु चलाए जा रहे हैं। उन्हंे इस प्रतियोगिता में शामिल किया गया। उन्होंने बताया विद्यालय में छात्राओं ने पॉलीथीन को ना कहें कार्यक्रम चलाया हुआ है। जिसमें आसपास की बस्तियों में हस्ताक्षर अभियान, कागज की थैली दुकानदारों को देना, नुक्कड़ नाटक करना व जन जागरण रैली निकालना शामिल हैं। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए छात्रों के दल बने हुए हैं।
एनएसएस की इकाई से डोर टू डोर सर्वे कराया जाता है। जिसमें व्यक्तिगत स्वच्छता, सार्वजनिक स्वच्छता, पर्यावरण संतुलन जैसी बातें परिवारों को बताई जाती है। विद्यालय में निष्प्रयोगी वस्तुओं से उपयोगी वस्तुएं बनाने का रचनात्मक कार्य खाली समय में करवाया जाता है तथा विद्यालय के इको क्लब के द्वारा समय-समय पर गंगा स्वच्छता, वृक्षारोपण ,घाटों की स्वच्छता पॉलीथिन उन्मूलन, जन जागरण रैली, ड्राइंग कंपटीशन, भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों से पर्यावरण को संरक्षित रखने तथा हरित क्षेत्र संवर्धन के प्रयास पूर्ण मनोयोग के साथ किए जाते हैं। जिससे आसपास की जनता में काफी चेतना आई है और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन भी बेहतर हुआ है।
विद्यालय को इसमें नगर निगम तथा स्थानीय विभिन्न प्रोजेक्ट का सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। उपरोक्त नवाचार जो कि परंपरागत शिक्षण के साथ चल रहे हैं। उन्हीं के कारण विद्यालय को अंतरराष्ट्रीय ग्रीन स्कूल की कैटेगरी में चयनित किया गया है। 23 व 24 सितंबर को यूनाइटेड नेशंस की जनरल असेंबली के 79 सम्मेलन में प्रधानाचार्य पूनम राणा को पुरस्कृत करने तथा ग्रीन स्कूल के बारे में अपने विचार वहां उपस्थित अन्य शिक्षा विदों के समक्ष रखने के लिए आमंत्रित किया गया है। इससे पूरे विद्यालय में बहुत ही हर्ष का माहौल है। सभी अध्यापिकाएं व छात्राएं बहुत प्रसन्न है। जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी ने भी विद्यालय की प्रधानाचार्य और उनके स्टाफ के लिए शुभकामनाएं भेजी हैं।
प्रधानाचार्य पूनम राणा ने बताया कि यह विद्यालय के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल भी पीएम श्री जीजीआईसी ज्वालापुर को बेस्ट वॉटर मैनेजमेंट के लिए यूनेस्को व जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संस्तुत पुरस्कार कैबिनेट मंत्री जल शक्ति गजेंद्र सिंह शेखावत तथा यूनेस्को के प्रतिनिधि टिम कार्लाेस द्वारा दिल्ली में दिया गया था। विद्यालय की अगली योजनाओं के बारे में बताते हुए प्रधानाचार्य ने कहा कि हम अपनी टीम के द्वारा एक साक्षरता कार्यक्रम भी चला रहे हैं। जिसमें सेवित क्षेत्र की बस्तियों के निरक्षर लोगों को यथासंभव साक्षर बनाने का प्रयास करेंगे तथा रचनात्मक लेखन में विद्यालय में प्रत्येक छात्र को लेखन के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एक प्रशिक्षक नियुक्त किया गया है जो छात्रों को अति आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स, तथा अन्य नई तकनीकी जानकारी छात्रों को निशुल्क देंगे।


