परम विद्वान तपस्वी संत थे ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि-स्वामी राममुनि

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ब्यूरो


हरिद्वार, 25 मार्च। खड़खड़ी स्थित संत मंडल आश्रम में पूर्व विधायक ब्रह्मलीन आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश मुनि महाराज के 14वें निर्वाण दिवस के अवसर पर विशाल संत समागम आयोजित किया गया। संत समागम को संबोधित करते हुए आश्रम के श्रीमहंत महामंडलेश्वर स्वामी राममुनि महाराज ने कहा कि पृथ्वी लोक पर सतगुरु से बड़ा और सच्चा कोई और पथ दर्शक हो ही नहीं सकता। सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर भवसागर पार कराने वाली नैया है। जब-जब इस धरती पर भगवान अवतरित हुए हैं तो उन्हें भी सतगुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी है।

जब भगवान राम इस धरती पर अवतरित हुए तो उन्होंने अपने कुलगुरु विश्वामित्र का मार्गदर्शन प्राप्त किया। ब्रहमलीन गुरूदेव आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश मुनि महराज भक्तों को दान, सत्कर्म, यज्ञ अनुष्ठान, पूजा पाठ के माध्यम से सत्य का मार्ग दिखाने वाले परम तपस्वी विद्वान संत थे। महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि जीवन में किया गया हरि भजन कभी निष्फल नहीं होता। हरि भजन ही मानव जीवन की सार्थकता है। जो सच्चे मन से भगवान को पुकारता है।

भगवान किसी न किसी रूप में उसकी मदद के लिए उपस्थित हो जाते हैं। इस अवसर पर महामंडलेश्वर चिदविलासानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज, महंत ब्रह्मेश्वर महाराज, महंत कृष्ण स्वरूप महाराज, महंत सूरज दास, महंत कमलेशानंद, महंत नारायण दास पटवारी, महंत प्रहलाद दास, महंत केशवानंद, महंत प्रेमदास, महंत शांति प्रकाश, स्वामी कृष्ण देव, महंत आचार्य प्रमोद दास, पंडित दिनेश चंद, हरिहरानंद, महंत जमुना दास, महंत रवि देव, महंत दिनेश दास, महंत जगजीत सिंह, महंत सीताराम दास, महंत कन्हैया दास, महंत गोविंद दास, महंत राघवेंद्र दास, महंत जसविंदर सिंह, मनप्रीत कौर, अंकुर, सन्दीप सिंहानिया, प्रदीप प्रजापति, रामलाल प्रजापति, सुनील प्रजापति सहित बड़ी संख्या में संत महंत व श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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