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हरिद्वार, 9 जून। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट द्वारा शिवालिक नगर में श्रीमद्भागवत कथा के आठवें दिन भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने यज्ञ की महिमा का वर्णन करते हुए बताया प्रत्येक व्यक्ति को यज्ञ अवश्य करना चाहिए। यज्ञ करने से भगवान नारायण एवं समस्त देवी देवता प्रसन्न होते हैं।
शास्त्री जी ने बताया कि जब ब्रह्मा के सृष्टि की रचना करने के बाद सभी देवी देवता उनके पास आकर कहने लगे कि हमारी भूख शांत नहीं हो रही है। पेट भर कर हमें कुछ मिलता ही नहीं है। आप कुछ उपाय कीजिए। देवताओं के निवेदन करने पर ब्रह्मा ने स्वाहा नाम की एक एक कन्या को उत्पन्न किया और उसका विवाह यज्ञ नारायण के साथ कर दिया। ब्रह्मा ने कहा कि आज से जिस देवी देवता का नाम लेकर यज्ञ करते हुए स्वाहा उच्चारण करते हुए आहुति दी जाएगी। वह आहुति उसी देवता को प्राप्त हो जाएगी। जिससे समस्त देवी देवताओं के आहार की व्यवस्था बनेगी। इसके बाद से प्रत्येक घर में यज्ञ की परंपरा शुरू हुई।
शास्त्री ने बताया कि यज्ञ करने से देवताओं की प्रसन्नता और तृप्ति होती है। देवी देवताओं की कृपा से घर में सुख, समृद्धि, धनधान्य, आयु एवं आरोग्य की वृद्धि होती है। इसलिए प्रत्येक सद्गृहस्थ को नित्य अपने घर में यज्ञ करना चाहिए। यदि नित्य न कर सकंे तो पूर्णमासी, सक्रांति या अमावस्या पर यज्ञ अवश्य करें। मुख्य यजमान किरण गुप्ता, अशोक गुप्ता, डा.अंशु गुप्ता, डा.राजकुमार गुप्ता, मिशिका गुप्ता, मिहिका गुप्ता, पंडित हेमंत कला, पंडित दयाकृष्ण शास्त्री, पंडित संजय शास्त्री, अतुल कपूर आदि ने भागवत पूजन संपन्न किया।


