भारतीय संस्कृति एक चेतना है-डा.चिन्मय पण्डया

Haridwar News
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तनवीर


हरिद्वार, 22 जून। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या ने इटली प्रवास के दौरान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वेटिकन सिटी में आयोजित विशेष कार्यक्रम के तहत वैश्विक मंच से भारतीय संस्कृति व योगदर्शन के संदेश को साझा करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति एक चेतना है जो आत्म-जागरण, संतुलन और वैश्विक समरसता का मार्ग प्रशस्त करती है। योग उसी संस्कृति की जीवनशैली है, जो मनुष्य को भीतर से रूपांतरित करती है।

डा.चिन्मय पंडया ने पोप लियो एवं इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, चेंबर ऑफ डिप्यूटीज के अध्यक्ष लोरेन्ज़ो फोंटाना, सांसद पियर फर्डिनांडो कासिनी, सेनेटर एवं आई.पी.यू. के मानद अध्यक्ष, इटालियन आईपीयू समूह के अध्यक्ष सहित अनेक वैश्विक शीर्षस्थ नेताओं से मिले। इस दौरान उन्होंने योग को केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आत्मिक उत्थान और वैश्विक मानवता की साधना बताया। प्रतिकुलपति डा.पंड्या ने अखिल विश्व गायत्री परिवार की मूल अवधारणा, युग निर्माण योजना एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के सेवा और साधना आधारित वैश्विक प्रयासों की जानकारी भी दी।

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