संत महापुरूषों की तपस्थली है हरिद्वार-स्वामी ललितानंद गिरी

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राकेश वालिया


हरिद्वार, 22 जून। भूपतवाला स्थित भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि हरिद्वार संत महापुरूषों की तपस्थली है। पूरे देश के श्रद्धालु हरिद्वार आकर गंगा स्नान कर अपने जीवन को सार्थक करते हैं। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि हरिद्वार पौराणिक नगर है। राजा भगीरथ के कठोर तप के बाद जब मां गंगा शिव की जटाओं से होते हुए पृथ्वी पर आयी तो तपस्या कर रहे सप्तऋषियों को सम्मान देते हुए सात धाराओं में विभक्त हो गयी। देवताओं और राक्षसों के समुद्र मंथन के पश्चात निकले अमृत कलश से अमृत छलकने से गंगा जल अमृत के समान हो गया। उन्होंने कहा कि हरिद्वार भगवान शिव की नगरी है।

माता पार्वती के पिता राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया। राजा दक्ष ने यज्ञ में सभी देवी देवताओं को आमंत्रित किया। लेकिन भगवान शिव को नहीं बुलाया। बिना बुलाए यज्ञ में पहुंची माता पार्वती ने वहां शिव का अपमान देख स्वयं को यज्ञ कुंड में स्वाहा कर लिया। जिस स्थान पर माता पार्वती ने स्वयं को यज्ञ कुंड में स्वाहा किया। जगजीतपुर में स्थित वह स्थान सती कुंड के नाम जाना जाता है।

दक्ष महादेव मंदिर, बिल्केश्वर महादेव मंदिर, मनसा देवी, चंडी देवी आदि कई पौराणिक स्थल हरिद्वार में स्थित हैं। जिससे हरिद्वार की पौराणिकता का प्रमाण मिलता है। स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि मां गंगा भारत की धरोहर है। लेकिन मानवीय गलतियों के चलते मां गंगा प्रदूषित हो रही है। सभी मिलकर गंगा को प्रदूषण मुक्त करने में सहयोग करें। सभी के सहयोग से ही गंगा निर्मल और अविरल होगी।

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