जटाधारी भगवान शिव की आराधना से सिद्ध होते हैं सभी मनोरथ-आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरी

Dharm
Spread the love

तनवीर


हरिद्वार, 10 अगस्त। लोककल्याण के उद्देश्य से पूरे सावन माह श्री दक्षिण काली मंदिर में चलने वाली निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की शिव आराधना निरंतर जारी है। मंगलवार को स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने विभिन्न प्रजातियों के पुष्पों से भोलनाथ का श्रंग्रार व जलाभिषेक किया तथा फलों व मिष्ठान का भोग अर्पित कर देश दुनिया से कोरोना महामारी समाप्त करने की प्रार्थना की।

इस दौरान कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि देवों के महादेव भगवान शिव भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि सावन में पृथ्वी पर रहकर सृष्टि का संचालन करने वाले जटाधारी भगवान शिव की विधि विधान से नित्य आराधना करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। श्रद्धापूर्वक की गयी शिवोपासना से साधक भगवान शिव की विशेष कृपा का पात्र बन जाता है। भोलेनाथ की कृपा से साधक को जीवन में कभी किसी कष्ट का सामना नही करना पड़ता। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है।

प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है। जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में बेल पत्र, भांग, धतूरा आदि से विधानपूर्वक भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। श्रद्धालुओं को जलाभिषेक करते समय भगवान शिव के साथ माता पार्वती का ध्यान भी अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से शिव शक्ति की सम्मिलित कृपा प्राप्त होती है। भगवान शिव दयालु एवं कृपालु हैं। जो अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक भक्त का संरक्षण कर उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। भगवान शिव की शक्ति आसुरी शक्तियों से भक्तों की रक्षा कर उनके जीवन का संरक्षण भी करती है।

उन्होंने कहा कि सावन में होने वाले शिव पूजन का विशेष महत्व है। जो श्रद्धालु श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की शरण में आ जाता है। अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्त का भगवान शिव अवश्य कल्याण करते हैं। इस दौरान आचार्य पवनदत्त मिश्र, लाल बाबा, पंडित प्रमोद पाण्डे, अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, संजय जैन, पुनीत जैन, नमित जैन आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *