गुरू परंपरांओं का संवाहक है श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल-श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह

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निर्मल अखाड़े में संतों ने किया गुरू पूजन
हरिद्वार, 10 जुलाई। गुरू पूर्णिमा पर कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों ने कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज के नेतृत्व में अखाड़े के श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज का पूजन कर उनसे आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर अखाड़े में स्थित गुरूद्वारे में गुरूवाणी का पाठ व कीर्तन का आयोजन भी किया गया। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि गुरू पूर्णिमा गुरू शिष्य परंपरा को मूर्त रूप देने का पर्व है। गुरू के आशीर्वाद से ही जीवन में पूर्णता आती है। उन्होंने कहा कि श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल गुरू परंपरांओं का संवाहक है।

अखाड़े के संत पूज्य गुरूओं द्वारा स्थापित सेवा परंपरांओं को निरंतर आगे बढ़ाने के साथ समाज में अध्यात्म और धर्म संस्कृति के प्रचार में भी योगदान कर रहे हैं। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि सद्गूरू का सानिध्य सौभाग्य से प्राप्त होता है। वे भाग्यशाली हैं कि उनके गुरू के रूप में श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि गुरू की महिमा अपरंपार है। जिसका शब्दों में बखान नहीं किया जा सकता है। गुरू के विषय में कुछ कहना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है। इस अवसर पर महंत अमनदीप िंसह, महंत खेम सिंह, महंत बलवीर सिंह, महंत निर्भय सिंह, महंत रंजय सिंह, महंत प्यारा सिंह सहित कई संत महंत मौजूद रहे।

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