मां गंगा की भांति बहने वाली ज्ञान की अवरिल घारा है श्रीमद् भागवत कथा -आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास

Dharm
Spread the love

अमरीश


हरिद्वार, 2 नवम्बर। श्रीमद् भागवत कथा पतित पावनी मां गंगा की भांति बहने वाली ज्ञान की अविरल धारा है। जिसे जितना ग्रहण करो उतनी ही जिज्ञासा बढ़ती है और प्रत्येक सत्संग से अतिरिक्त ज्ञान की प्राप्ति होती है। उक्त उद्गार श्री बनखंडी साधु बेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने भूपतवाला स्थित साधु बेला आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से राजा परीक्षित को भी मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और कलयुग में आज भी इसके साक्षात प्रमाण देखने को मिलते हैं। सभी ग्रंथों का सार श्रीमद् भागवत कथा मोक्ष प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम ग्रंथ है। जो श्रद्धालु भक्त कथा का श्रवण कर लेता है। उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। कथा व्यास महंत बलराम मुनि महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। भागवत कथा के दर्शन हर किसी को प्राप्त नहीं होते।

भगवान श्री कृष्ण को भी भागवत रूपी रास के दर्शन के लिए गोपी का रूप धारण करना पड़ा था। आज हमारे यहां भागवत रूपी रास चलता है। परंतु भक्त दर्शन को नहीं आते। श्रीमद् भागवत कथा हर किसी के जीवन में बदलाव लाती है। हम सभी को श्रद्धा पूर्वक भक्त और भगवान की इस कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। वास्तव में भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र वाणी ही श्रीमद् भागवत कथा है।

इस अवसर पर गोपाल दत्त पुनेठा, विष्णु दत्त पुनेठा, सुनील कुमार, जीतू भाई, जगदीश भटीजा, विनोद छाबड़ा, मोहन छाबड़ा, गिरधर छाबड़ा, सुनील छाबड़ा, नरेश भाई, प्रमोद गुप्ता, राकेश गुप्ता सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष एवं श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *