विडियो :-आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दिए जाने के विरोध में हड़ताल पर रहे एलोपैथिक चिकित्सक

Haridwar News Medical
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तनवीर

आयुर्वेदिक चिकित्सों को सर्जरी की अनुमति दिया जाना गलत-डा.दिनेश सिंह

हरिद्वार, 11 दिसंबर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार दिए जाने के विरोध में शुक्रवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत हड़ताल पर रह। इस दौरान निजी चिकित्सालयों में ओपीडी बंद रही। एलोपैथी चिकित्सकों ने भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद की ओर से जारी आयुर्वेदिक चिकित्सों को सर्जरी का अधिकार दिए जाने संबंधी अधिसूचना को वापस लेने की मांग की।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े स्थानीय चिकित्सकों ने मध्य हरिद्वार स्थित एक होटल में प्रैसवार्ता का आयोजन कर भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद की ओर से जारी अधिसूचना पर कड़ा ऐतराज जताया। आइएमए अध्यक्ष डॉ.दिनेश सिंह ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दिया जाना सीधे-सीधे मरीजों की जान से खिलवाड़ है। केवल एलोपैथ में ही सर्जरी की अनुमति है, इसलिए इसके अलावा किसी अन्य पैथी को सर्जरी की अनुमति दिया जाना गलत है।

बिना उचित प्रशिक्षण के कोई भी चिकित्सक सर्जरी नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि आइएमए इस अधिसूचना का विरोध करता है। यदि इसे वापस नहीं लिया गया तो एसोसिएशन अपना आंदोलन तेज करेगी। 28 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी जो भी निर्णय लेगी। उसके अनुरूप विरोध की रणनीति तय की जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में आयुर्वेदिक पद्धति में भी सर्जरी की जाती थी। आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सीधे सर्जरी की अनुमति देने से पहले उस तकनीक को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। एलोपैथ व आयुर्वेद पद्धतियों के बीच घालमेल नहीं किया जाना चाहिए।

सचिव डा.अंजुल श्रीमाली ने कहा कि सभी पैथी का अपना महत्व है, लेकिन इनको आपस में मिलाना गलत है। यदि ऐसा हुआ तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि यदि सर्जरी को आयुर्वेद में शामिल किया जाता है तो एलोपैथ के लिए होने वाली एनईईटी, नीट जैसी परीक्षाओं का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। सरकार द्वारा लिया गया ये फैसला मरीजों और आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जाएगा।

आईएमए के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा.आरके सिंघल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद चिकित्सकों को बिना किसी ट्रेनिंग के सर्जरी करने का निर्णय जबरदस्ती थोपा हुआ निर्णय है। एलोपैथी चिकित्सक एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद अलग से डिग्री और अनुभव लेकर ऑपरेशन करने के काबिल बनता है और सरकार ने एक आयुर्वेद के डॉक्टर को बिना किसी डिग्री के सर्जरी की परमिशन दे रही है। जो कि पूरी तरह गलत है।

इस दौरान डा.नीता मेहरा, डा.विपिन मेहरा, डा.प्रेम लूथरा, डा.अनु लूथरा, डा.सिद्धार्थ त्रिवेदी, डा.यतीन्द्र नागयान, डा.एसके सोंधी, डा.विपिन प्रेमी, डा.जसप्रीत सिंह, डा.मनप्रीत कौर, डा.नितिन नागयान, ऋत्विक सारस्वत, डा.विजय वर्मा, डा.सुजाता प्रधान, डा.कुलदीप सिंह, डा.राहुल अहार, आदि मौजूद रहे।

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