नन्दा गौरा योजना के अन्तर्गत फर्जी आय प्रमाण पत्र के 193 मामले सामने आये

Haridwar News
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तनवील


जिलाधिकारी ने दिए फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश
प्रमाण पत्रों में हेराफेरी करने वाले सीएससी सेंटर के खिलाफ भी होगी कार्रवाई

हरिद्वार, 4 मार्च। नन्दा गौरा योजना के अंतर्गत आवेदन पत्र के साथ फर्जी आय प्रमाण पत्र सलग्न किए जाने के मामले सामने आने पर जिलाधिकारी ने फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा करायी गयी जांच में फर्जी आय प्रमाण पत्र के 193 मामलों का खुलासा हुआ है। नन्दा गौरा योजना के तहत फर्जी आय प्रमाण पत्र संलग्न कर योजना का लाभ लेने की शिकायतों पर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को आय प्रमाण पत्रों की गहनता से जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे

शनिवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रस्तुत की गयी जांच रिपोर्ट में सामने आया कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में वित्तीय वर्ष 2022-23 में नन्दा गौरा योजना के अन्तर्गत जनपद में प्रथम चरण बालिका के जन्म पर योजना का लाभ लेने के लिए प्रस्तुत किए गए 1328 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। आवेदन पत्रों के साथ प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्रों की जांच में 70 आवेदनों में आय प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये। योजना के द्वितीय चरण इण्टर पास के अन्तर्गत प्राप्त 4174 आवेदन पत्रों की जांच में 123 में फर्जी आय प्रमाण संलग्न किए गए थे। ऐसे सभी आवेदनों को निरस्त कर दिया गया।
मुख्य विकास अधिकारी इसकी जानकारी जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को दी। जिस पर जिलाधिकारी ने फर्जी आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वाले आवेदकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी आय प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर सभी विभागों के अधिकारियों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले आवेदन पत्रों के साथ संलग्न किए जाने वाले आय, जाति, स्थाई निवास आदि प्रमाण पत्रों की गहराई से जांच करने निर्देश दिए हैं। साथ ही लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी है।

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि उन्हें कई स्रोतों से यह भी जानकारी मिली है कि कॉमन सर्विस सेण्टर (सीएससी) द्वारा सरकारी योजनाओं के लिये जारी किये गये विभिन्न प्रमाण पत्रों में हेराफेरी करके जरूरत के अनुसार उनमें बदलाव किया जा रहा है। जो गैर-कानूनी की श्रेणी में आता है। फर्जीवाड़े में लिप्त सीएससी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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