रुद्र वालिया
हरिद्वार, 21 अगस्त। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा के निधन पर संत समाज में शोक की लहर है। महामंडलेश्वर पायलट बाबा का मंगलवार को मुंबई में निधन हो गया था। बुधवार को उनकी पार्थिव देह को जगजीतपुर स्थित पायलट बाबा आश्रम में लाया गया। पायलट बाबा आश्रम में संत समाज ने उनकी पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। आवाहन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरूण गिरी महाराज ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि पायलट बाबा संत समाज की दिव्य विभूति थे। उनका निधन संत समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा ने भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर के पद पर रहते हुए 1962, 1965 और 1971 के युद्ध में भाग लिया और देश सेवा में योगदान दिया। इसके बाद सन्यास धारण कर धर्म संस्कृति के संरक्षण में योगदान दिया। देश सेवा और सनातन धर्म संस्कृति को देश विदेश में प्रचारित प्रसारित करने में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उनका जीवन दर्शन सदैव देश सेवा और धर्म सेवा की प्रेरणा देता रहेगा। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज ने देश और धर्म सेवा में सदैव अग्रणी भूमिका निभायी है।
ब्रह्मलीन पायलट बाबा इसकी मिसाल हैं, जिन्होंने वायुसेना में सेवा के दौरान देश सेवा और उसके उपरांत सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में सराहनीय भूमिका निभायी। महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुन पुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। उनके निधन से संत समाज को जो क्षति हुई है। उसे कभी पूरा नहीें किया जा सकेगा। बाघम्बरी गद्दी के महंत बलवीर गिरी ने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा महान संत थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, स्वामी हहिरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी कपिल मुनि, महंत जसविंदर सिंह, महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत प्रबोधानंद गिरी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण ने भी ब्रह्मलीन पायलट बाबा को श्रद्धासुमन अर्पित किए।