प्रोफेसर प्रेम सरन सतसंगी साहब ने पद्मश्री डॉ राधेश्याम पारीख को दी शुभकामनाएं

Uttarakhand
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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हैनीमैन पुरस्कार से सम्मानित आगरा के विख्यात होम्योपैथिक चिकित्सा डॉ राधेश्याम पारीख को सरकार ने चिकित्सा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की थी

ज्योति एस। राधास्वामी सतसंग दयालबाग आगरा के आठवें आचार्य परम पूज्य प्रो. प्रेम सरन सतसंगी साहब ने विश्व में होम्योपैथिक चिकित्सा के महारथी और हैनीमैन पुरस्कार से सम्मानित
आगरा के विख्यात होम्योपैथिक चिकित्सा डॉक्टर राधेश्याम पारीख को पद्मश्री मिलने पर शुभकामनाएं और बधाई दी । प्रो. प्रेम सरन सतसंगी साहब शुक्रवार को आगरा स्थित डा. पारीख के आवास पहुंचे और उनसे मिलकर उन्हें उनकी उपलब्धि पर शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्रोफेसर प्रेम सरन सतसंगी साहब ने डॉक्टर पारीख के साथ चिकित्सा शिक्षा, धर्म और अध्यात्म पर काफी देर बातचीत भी की। डॉ. पारीख ने आभार व्यक्त करते हुए डॉ. प्रेम सरन सतसंगी साहब की दी गई शुभकामनाओं को अनमोल बताया। कहाकि यह उनके लिए अविस्मरणीय पल हैं और उनके पास आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धि राधास्वामी सतसंग दयालबाग आगरा के संस्कारों और सिद्धांतों की देन है। बताया कि परिवार के बच्चों ने राधास्वामी सत्संग दयालबाग आगरा के संचालित शिक्षण संस्थानों से शिक्षा और सतसंग के संस्कार ग्रहण किया। यही वजह है कि आज वह सभी अपने जीवन में अत्यधिक सफल हैं और वर्तमान में भी राधास्वामी सत्संग के सिद्धांतों और संस्कारों का पालन अपने जीवन में करते हैं। उन्होंने इसके लिए राधास्वामी सतसंग दयालबाग आगरा के आठवें आचार्य परम पूज्य प्रोफेसर प्रेम सरन सतसंगी साहब का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सब उनके आशीर्वाद, दया व मेहर की बदौलत है। इस मौके पर डॉ राधेश्याम पारीख और उनके परिवार के सदस्यों ने राधास्वामी सत्संग दयालबाग के आचार्य प्रोफेसर प्रेम सरन सतसंगी साहब से राधास्वामी कर आशीर्वाद और शुभकामनाएं ग्रहण की।
भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरवार रात पद्म पुरस्कारों की सूची जारी की थी, जिसमें चिकित्सा के क्षेत्र में आगरा के विख्यात होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ राधेश्याम पारीख को पद्मश्री से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई थी।
डॉ राधेश्याम पारीख दुनिया के 30 देशों में होम्योपैथी चिकित्सा पर 117 से ज्यादा शोधपत्र प्रस्तुत कर चुके हैं। उन्हें असाध्य रोगों विशेष कर कैंसर के सफल इलाज का माहिर माना जाता है। डॉ. पारीख समाज सेवा में भी अग्रणी हैं। डॉ पारीख को होम्योपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में आगरा के सरकारी डॉ. बी.आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय ने डी.एससी. (मानद उपाधि) से अलंकृत किया है।
डा. पारीख की लिखी कैंसर के उपचार पर पुस्तक दुनिया भर में मानी जाने वाली और प्रामाणिक कार्य है।

डा. पारीख आगरा के ही चिकित्सा डॉ. डीके हाजरा के बाद यह सम्मान पाने वाले दूसरे चिकित्सक हैं। इतना ही नहीं वह एकमात्र एशियाई होमियोपैथ हैं, जिन्हें हैनीमैन क्लिनिक, ट्यूबिंगन, जर्मनी ने प्रतिष्ठित हैनीमैन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

डॉ पारीख के समाज सेवा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्य

डा. पारीख आगरा चैरिटेबल आई हॉस्पिटल और विभिन्न अन्य धर्मार्थ समाजों के अध्यक्ष हैं।

-आगरा की नागरिक परिषद के अध्यक्ष हैं और नियमित रूप से प्रशासन के साथ स्थानीय मुद्दों को उठाते हैं।

-उन्होंने सेवाकुंज मिशन अस्पताल की स्थापना की, जिसने मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण और जागरूकता कार्यक्रम प्रदान करने के लिए 40 गांवों को गोद लिया है।

-डॉ. पारीक द्वारा स्थापित धर्मार्थ औषधालय गोवर्धन, राधाकुंड और आगरा में चलाए जाते हैं और प्रतिदिन सैकड़ों जरूरतमंद रोगियों को मुफ्त होम्योपैथिक उपचार प्रदान करते हैं।

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