तनवीर
स्वदेशी का प्रचार प्रसार आया काम
हरिद्वार :-परंपरागत मिट्टी से निर्मित उत्पाद ने चीन से बनी वस्तुओं को पीछे छोड़ा। दीपावली पर्व के मौके पर परंपरागत मिट्टी के बर्तन तैयार कर रहे कुम्हार समाज काफी हर्षित है। मिट्टी के दिए भव्य कलश एवं मिट्टी के बर्तनों की जमकर खरीदारी हुई। दीपावली पर के मौके पर भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं में मिट्टी से बनी वस्तुओं की मांग होती है। घरों को जगमगाने के लिए मिट्टी के दिए सबसे सशक्त माध्यम है। मिट्टी के दीए कम दामों में मिल जाते हैं एवं परंपराओं का निर्वहन भी हो जाता है।
कुम्हार व्यवसाय कृष्ण कुमार ने बताया कि हाथों से निर्मित मिट्टी के बर्तन काफी लोकप्रिय हैं। आम जनमानस को केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा चीन से निर्मित वस्तुओं को ना खरीदने की मुहिम रंग लाई है। दीपावली पर्व के मौके पर दिए गिलास ,प्रेशर कुकर, प्लेट, कढ़ाई ,भव्य दिव्य मिट्टी से बने दीये लोगों को बेहद पसंद आ रहे हैं। सरकार द्वारा स्वदेशी अपनाने की मुहिम के चलते ही कुम्हार समाज का व्यवसाय मजबूत हुआ है। लोगों द्वारा जमकर मिट्टी के दीये खरीदे गए हैं। हाथों से तैयार कलर्स मिट्टी के दीये की जमकर बिक्री हुई।
कृष्ण कुमार का पूरा परिवार मिट्टी के उत्पाद बनाने में सहयोग करता है। अब तो इलेक्ट्रॉनिक अत्याधुनिक चाक का इस्तेमाल मिट्टी की वस्तुएं बनाने के लिए किया जाता है। चाइनीज वस्तुओं को लोगों ने नकारा है। सरकार का प्रचार-प्रसार अवश्य ही कुम्हार समाज के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। पीट बाजार ज्वालापुर में मिट्टी से बने बर्तनों की जमकर बिक्री हुई कुम्हार समाज द्वारा भी तरह-तरह के सजावटी सामान मिट्टी से तैयार किए।


