तनवीर
हरिद्वार, 22 अक्टूबर। ऊर्जा जीवन मे अप्रतीम उन्नति का केन्द्र बिन्दु है। ऊर्जा के प्रवाह मे निर्बाधता बने रहने से विचारो मे सकारात्मकता आती है। प्रकृति के नजदीक जाने का अवसर मिलता है। अवरोध आने पर विचारो मे अपवित्रता का भाव बढता है, जो सभी समस्याओं का मूल है। उक्त विचार एवरेस्ट विजेता पदमश्री से सम्मानित डा.संतोष यादव ने गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय हरिद्वार के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग मे छात्रों को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किए।
शनिवार को माता लालदेई यज्ञशाला मे शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग आयोजित यज्ञ मे मुख्य यज्ञमान डा.संतोष यादव ने यज्ञ के उपरान्त आयोजित संवाद एवं परिचर्चा मे एमपीएड तथा बीपीएड छात्रों को सम्बोधित करते हुए पर्वतारोहण तथा माउन्ट एवरेस्ट जैसी साहसिक गतिविधियों तथा जीवन की विषम परिस्थितियों मे समभाव बनकर उपलब्धि अर्जित करने के लिए प्रेरित किया।
विभाग प्रभारी डा.अजय मलिक ने डा.संतोष यादव को सरलता एवं साहस की जीवन्त प्रतिमूर्ति बताते हुये उनका स्वागत किया। डा.शिवकुमार चैहान ने डा.संतोष यादव को अध्यात्म एवं विनम्रता के साथ उच्च मापदण्डों के नैतिक मूल्यों के साथ जीवन यापन करने वाली दृढ संकल्पित विदुषी बताया।
इस अवसर पर प्रो.मनुदेव बंन्धु, प्रो.सत्यदेव निगमालंकार, डा.कपिल मिश्रा, डा.अनुज कुमार, डा.प्रणवीर सिंह, डा.भारत वेदालंकार, डा.यशपाल तोमर, उत्तम यादव, सुनील कुमार, कनिक कौशल, सिकन्दर रावत, अश्वनी कुमार, दुष्यंन्त सिंह राणा, सुरेन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, कुलदीप आदि मौजूद रहे।