प्रेरणा ही निर्माण को गति एवं बल प्रदान करती है-डा.शिवकुमार चौहान

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तनवीर


हरिद्वार, 17 फरवरी व्यवहार की श्रेष्ठता मे प्रेरणा का स्थान विशेष है। प्रेरणा ही निर्माण को गति एवं बल प्रदान करती है। जीवन मे उपलब्धियों को पाने के लिए व्यक्ति को प्रेरक एवं प्रेरणा दोनो की जरूरत होती है। यह विचार गुरूकुल कांगडी सम विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डा.शिवकुमार चाौहान ने काॅलेज टीचर एसोशियसन आॅफ फिजिकल एजूकेशन, कोल्हपुर के तत्वावधान मे आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर बतौर आमंत्रित वक्ता के रूप मे व्यक्त किये।

प्रेरणा से निर्माण की संकल्पना-2023 विषय पर आयोजित कार्यशाला के उदघाटन सत्र को सम्बोधित करते हुये डा.शिवकुमार चौहान ने कहा कि प्रेरणा एक मनो-शारीरिक तथा आन्तरिक प्रक्रिया है। जो श्रेष्ठ कार्य तथा उपलब्धि पर परोक्ष असर डालती है। शोध के माध्यम से यह ज्ञात हुआ है कि प्रेरणा व्यक्ति के व्यवहार को उददेश्य पूर्ति के लिए लेकर चलती है तथा सफलता के सभी प्रयास एवं अवसर प्रदान करती है।

डा.शिवकुमार चौहान ने कहा कि एक सफल व्यक्ति बनने के लिए व्यवहार मे प्रेरणा का होना अनिवार्य है। वर्चुअल माध्यम से डा.शिवकुमार चौहान ने प्रेरणा को निर्माण की जननी बताया। कार्यशाला मे सम्बद्व काॅलेजों के शारीरिक शिक्षक, कोच एवं छात्र-छात्रायें आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ एसोशियेसन के अध्यक्ष प्रो.राजीव वत्स ने दीप-प्रज्ज्वलित करके किया। दो दिवसीय कार्यशाला मे वक्ताओं ने प्रेरणा, अभिवृत्ति, व्यक्तित्व तथा संवेदनाओं पर विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन डा.रविन्द्र सिंह ने किया। इस अवसर पर डा. नामदेव सिंह, डा.राजेन्द्र सिंह, डा.दीपाली, डा.श्वेता सिंह, डा.नीरज पाठक आदि उपस्थित रहे। कैप्टन राजीव शर्मा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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