Haridwar news रेलवे स्टेशन पर एस्केलेटर व इलेक्ट्रिक कार जेसी सुविधाओं से कुलियों के रोजगार में आयी गिरावट, विडियो

Haridwar News
Spread the love

तनवीर


रोजगार का संकट झेल रहे कुलियों को नौकरी दे सरकार-किशन
हरिद्वार, 6 सितम्बर। लगातार इजाद हो रही नई-नई तकनीक और सुविधाओं से कई चीजें चलन से बाहर होने के साथ इसका असर पारंपरिक रोजगार पर भी पड़ रहा है। सैकड़ों साल से रेलवे स्टेशनों पर सामान ढोने वाले कुलियों का रोजगार भी सामान ढोने की नई तकनीक के चलते प्रभावित हो रहा है। रोजगार पर संकट के कारण स्टेशनों पर कुलियों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।


हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर कुलियों का जमघट लगा रहना एक दौर में आम बात हुआ करती थी। ट्रेन के प्लेटफार्म पर रुकते ही कुली सामान उठाने के लिए दौड़ पड़ते और यात्रीयों का सामान ढोकर ही अपनी गुजर बसर करते थे। रेल यात्रा के दौरान हर स्टेशन पर नजर आने वाले कुली एक समय में समाज का इतना अहम किरदार था कि बॉलीवुड में कुलियों पर फिल्में बनी और हिट भी हुई। हालांकि दौर बदलने के साथ अब कुली इतने उपयोगी नहीं रह गए हैं। देश के ए वन श्रेणी के रेलवे स्टेशनों में शुमार धर्मनगरी हरिद्वार के रेलवे स्टेशन पर अब कुलियों के लिए काम नहीं बचा है। जिसकी वजह वजह कुली आधुनिक एस्केलेटर और प्लेटफार्म पर दौड़ते इलेक्ट्रिक व्हीकल को बताते हैं।


ए वन श्रेणी का रेलवे स्टेशन होने के चलते हरिद्वार में स्टेशन पर जन सुविधाएं भी बेहतर हैं। यहां कई एस्केलेटर यानी ऑटोमेटिक सीढ़ियां लगी हुई है। दिव्यांगों और बुजुर्गों को ले जाने के लिए इलेक्ट्रिक कार भी चलती हैं। पहियों वाले सरपट दौड़ते ट्रॉली बैग ने भी कुलियों के रोजगार पर असर डाला है।
दो दशक पहले हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर दो सौ से ज्यादा कुली हुआ करते थे जो अब आधे से भी कम रह गए हैं। हालांकि कुली का काम करने वाले पेशेवर कभी बहुत बेहतर स्थिति में नहीं रहे। लेकिन रेलवे स्टेशनों पर बढ़ती जन सुविधाओं ने कुलियों के रोजगार को सीधी टक्कर दी है। ऐसे में कुली सरकार से मदद की गुहार कर रहे हैं।
हरिद्वार रेलवे स्टेशन कुली यूनियन के प्रधान किशन ने बताया कि काम पर बहुत असर पड़ा है। परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार या तो कुलियों को नौकरी दे या रेलवे स्टेशन पर सामान ढोने के लिए लगायी गयी गाड़ियों को हटाए।
स्टेशन पर ही कुली का काम करने वाले तोरण ने बताया कि रेलवे यात्रीयों को काफी सुविधा दे रही है। सुविधाओं की वजह से कुलियों का काम खत्म हो गया है। किसी दिन तो बोहनी तक नहीं होती है। सरकार को कुलियों के रोजगार के विषय में भी सोचना चाहिए। यात्रीयों का सामान ढोने के लिए लगायी गयी गाड़ियों को हटाने पर ही कुलियों का रोजगार चल सकता है।
रेल यात्री अजीम दबे ने बताया कि एस्केलेटर, सामान ढोने वाली गाड़ियों से यात्रीयों को सुविधा मिली है। लेकिन यह भी सही है कि इससे कुलियों के रोजगार पर असर पड़ा है।
स्टेशन पर सामान ढोने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ी चलाने वाले चालक इशु कुमार ने बताया कि गाड़ी से यात्रीयों को सुविधा मिल रही है। गाड़ी में सामान के साथ पांच छह सवारी भी बैठ जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *