तनवीर
हरिद्वार, 8 अगस्त। इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन के कैम्पस बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस के सभागार में मंकीपाॅक्स तथा डेंगू को लेकर एक संगोष्ठी आयोजित की गयी। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए इएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.केपीएस चैहान ने कहा कि मंकीपाॅक्स से घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि यह एक वायरल डिजीज है।
इसमें शरीर पर चकत्ते, बुखार, सुस्ती, मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, पीठ दर्द, लसिका ग्रंथी में सूजन, ठंड लगना, कमजोरी आदि लक्षण पाए जाते हैं। इसका इलाज हमारे सिस्टम में है। उन्होंने पीड़ित लोगों से अपील कि इलाज के लिए इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक चिकित्सक के पास जाएं। डा.चौहान ने बताया कि डेंगू को हड्डी तोड़ ज्वर भी कहते हैं। इसमे रक्त की प्लेटलेटस त्रीवता से कम हो जाती है और रोगी के शरीर का ब्लड प्रेशर कम तथा रक्त कोशिकाओं का आपस में थक्का बनने से रोगी की मौत तक हो जाती है।
प्रदेश कोषाध्यक्ष डा.वी.एल अलखानिया ने कहा कि मंकीपाॅक्स तथा डेंगू में इलेक्ट्रोहोम्योपैथी उपचार अधिक कारगर है तथा रक्त प्लेटलेट्स का स्तर गिरने से रुक जाता है और प्लेंटलेट्स का उत्पादन जल्दी से होता है। इसकी मेडिसिन डेंगू से बचाव भी करती हैं। संगोष्ठी की अध्यक्षता डा.एस.के अग्रवाल जिलाध्यक्ष तथा कैम्पस प्रभारी डा.ऋचा आर्य ने संचालन किया।
संगोष्ठी में डा.बी बी.कुमार, डा.विक्रम सिंह, डा अशोक कुमार, डा.अमरपाल अग्रवाल, डा.संजय मेहता, डा.एम.टी अंसारी, डा.वसीम अहमद, डा.चांद उस्मान, डा.अर्सलान, डा.संदीप पाल, डा.आफाक, डा.बी.एस.ठाकुर, डा.राशिद अब्बासी, डा.ज्ञानेश्वर शर्मा, डा.गोपी कृष्ण, डा.सुरेन्द्र कुमार, डा.सुबोध चैहान आदि उपस्थित रहे।


