तनवीर
हरिद्वार, 15 सितम्बर। समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव महंत शुभम गिरी ने संस्कृत महाविद्यालय विद्यालयों में रिक्त प्रधानाचार्य व अध्यापकों के पदों पर स्थाई नियुक्ति करने की मांग की है। महंत शुभम गिरी ने प्रैस को जारी बयान में कहा है कि प्रदेश में कई संस्कृत महाविद्यालयों में अध्यापकों व प्रधानाचार्यो के पद रिक्त चल रहे हैं। जबकि कई महाविद्यालय विद्यालयों में प्रधानाचार्य वर्षों से अस्थाई रूप से कार्य कर रहे हैं।
उत्तराखंड में संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। लेकिन संस्कृत भाषा को लेकर धरातल में कोई कार्य नहीं हो पाया है। संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी होने के बावजूद शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। भाजपा सरकार दावा करती है कि संस्कृत के लिए कार्य करेंगे। लेकिन अभी तक संस्कृत के विकास के लिए कोई कार्य नहीं किया गया है।
तत्कालीन उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार ने केदारनाथ से बलिया तक संस्कृत अध्यापकों को नियमित किया था और संस्कृत अध्यापकों के हित के लिए मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा किए गए कार्यो को आज तक याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नारायण दत्त तिवारी सरकार के शासनकाल में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी व उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद उत्तराखंड में संस्कृत भाषा के विकास व उन्नयन के लिए कोई कार्य नहीं हुआ है।