9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पूज्य स्वामी रामदेव ने 20 हजार योग साधकों के साथ दिया ‘योग सबके लिए’ का संदेश

Haridwar News
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तनवीर

हम भारत से पूरी दुनिया में योगियों को एक्सपोर्ट करेंगे: स्वामी रामदेव

पूरे विश्व को जोड़ने का एकमात्र कोई साधन है तो वह योग हैै: आचार्य बालकृष्ण

हम प्रदेश को योग, अध्यात्म, संस्कृति के क्षेत्र में विकसित करेंगे: उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री

देश के 600 जिलों व 5000 तहसीलों में एक साथ योगाभ्यास किया गया

हरिद्वार, 21 जून। आज 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज के पावन सान्निध्य में पतंजलि वेलनेस केन्द्र, पतंजलि योगपीठ-।। स्थित विशाल मैदान में योग सत्र का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 20 हजार योग साधकों ने योग का लाभ लिया। स्वामी जी महाराज द्वारा योग के शंखनाद के साथ पूरा विश्व योगमय हो गया। वहीं देश के लगभग सभी 600 जिलों व 5000 तहसीलों में एक साथ योगाभ्यास किया गया। इस अवसर पर स्वामी जी महाराज ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी ऑक्सफोर्ड, हार्वर्ड, स्टेनफोर्ड आदि विश्वविद्यालय, आई.आई.टी. तथा आई.आई.एम. से भी ज्यादा हेल्थ व वेल्थ क्रिएशन कर सकेंगे, यह अवसर पतंजलि उपलब्ध कराएगा।

पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी विज्ञान, गणित, तकनीकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऐरो-स्पेस, सूचना तकनीकी के साथ-साथ भारतीय संस्कृति व पुरातन ज्ञान के बल पर अनुसंधान व ज्ञान का परचम पूरे विश्व में लहराएँगे। उन्होंने कहा कि हम भारत से पूरी दुनिया में योगियों को एक्सपोर्ट करेंगे जो अन्दर से योगी होंगे और पूरी दुनिया में न केवल रोगों का चिकित्सा समाधान उपलब्ध कराएँगे अपितु प्रत्येक क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करेंगे। कार्यक्रम में मत-धर्म-जाति-समप्रदाय के भेद को समाप्त करते हुए हिन्दु, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन, बौद्ध आदि विभिन्न समुदाय के लोगों ने सहभागिता की।
इस अवसर पर स्वामी जी महाराज ने कहा कि योग फॉर यूनिवर्स, युग के लिए योग, आत्मनिर्भरता के लिए योग, वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग का अनुष्ठान पतंजलि योगपीठ से हो रहा है और आज हम 9वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए यहाँ एक साथ एकत्रित हैं।

भारत में कम से कम 10 करोड़ से ज्यादा लोग योग के लिए घरों से बाहर निकले, यह योग का अप्रतिम जलवा है। इसी योग धर्म, वेद धर्म, ऋषि धर्म, सनातन धर्म के माध्यम से राष्ट्र धर्म का नया आगाज, युग धर्म का एक नया स्वर गुंजायमान हुआ है।
उन्होंने कहा कि एक ओर यूएनओ में देश के प्रधानमंत्री योग कर रहे हैं तो वहीं उत्तराखण्ड में देश के 20 हजार से अधिक लोगों के साथ प्रदेश के सबसे युवा, तेजस्वी, ओजस्वी, पराक्रमी मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने भी ढाई घण्टे हमारे साथ योग का अभ्यास किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को हमें योगयुक्त, रोगमुक्त व नशामुक्त बनाना है। योग के साथ उद्योग और उद्यमशीलता को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखण्ड को दुनिया की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करना है। इसी संकल्प के साथ आज हम यह योग दिवस मना रहे हैं।

आज योग दिवस पर यहाँ हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाइ, जैन, बौद्ध, देश-विदेश, जाति-प्रांत, धर्म-मजहब की सारी सीमाओं को पाटकर आज योगमय विश्व हो रहा है, सब एक-साथ योग कर रहे हैं, योगमय युग हो रहा है और इससे पूरे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आर्थिक और राजनैतिक साम्राज्य बनते-बिगड़ते रहते हैं, यदि कोई सच्चा साम्राज्य है तो वह सांस्कृतिक साम्राज्य है, वह सांस्कृतिक सनातन साम्राज्य हमने हमारे पूर्वजों से पाया है।
कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि सर्वप्रथम योगऋषि श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी महाराज ने योग का शंखनाद किया और सारी दुनिया योगमय होकर उनका अनुसरण करने लगी। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज का अखण्ड तप व पुरुषार्थ ही है जो योग आज विश्वपटल पर पुनः प्रतिष्ठित हो पाया है। योग के लिए जिन्होंने अपने जीवन को समर्पित कर दिया ऐसे श्रद्धेय स्वामी जी के सान्निध्य में हम योग दिवस को मना रहे हैं यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। योग फॉर ऑल का मूर्त रूप पतंजलि में दिखाई दे रहा है। आज यहाँ एक साथ दिव्यांग भाई-बहन, जाति-धर्म-मजहब-क्षेत्र-प्रांत-भाषा आदि के नाम पर जितनी दीवारें इस देश में खड़ी की जाती हैं उनको तोड़ने का काम पतंजलि कर रहा है। यदि पूरे विश्व को जोड़ने का एकमात्र कोई साधन है तो वह योग है। योग ने हमारी संस्कृति, सनातन परम्परा से पूरे विश्व को जोड़ने का कार्य तो किया ही है, साथ ही एक योगी के प्रयास को एक यशस्वी के प्रधानमंत्री के द्वारा वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाकर भारत का गौरव बढ़ा है। योग से करोड़ों लोग रोगमुक्त तो हो ही रहे हैं, साथ ही लाखों युवा पीढ़ियों के लिए रोजगार का द्वार भी योग ने खोला है।
उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेरा परम सौभाग्य है कि स्वामी जी के सान्निध्य में 20 हजार लोगों के साथ मुझे योग करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड निश्चित रूप से भारत का ही नहीं पूरे विश्व का केन्द्र है। हम उत्तराखण्ड को योग, अध्यात्म, संस्कृति के क्षेत्र में विकसित करने का प्रयास करेंगे। उत्तराखण्ड सरकार का भी स्लोगन है विकल्प रहित संकल्प और अखण्ड-प्रचण्ड पुरुषार्थ के द्वारा संकल्प से सिद्धि की यात्र को पूरा करना है। इसी संकल्प के साथ जल्द ही हम उत्तराखण्ड में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट करने जा रहे हैं जिसमें देश-विदेश से लोगों को आमंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा पूज्य स्वामी रामदेव जी का विशेष योगदान रहा है। लुप्त प्रायः हो चुके योग को पतंजलि ने नया जीवन दिया है।
कार्यक्रम में योग प्रोटोकॉल के तहत पूज्य स्वामी जी महाराज ने प्रार्थना, ग्रीवा चालन, स्कंध संचालन, कटि संचालन, घुटना संचालन, खड़े होकर किए जाने वाले आसन (ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्ध-चक्रासन, त्रिकोणासन), बैठकर किए जाने वाले आसन (भद्रासन, वज्रासन, अर्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन, शशकासन, उत्तानमंडूकासन, वक्रासन), उदर के बल लेटकर किए जाने वाले आसन (मकरासन, भुजंगासन, शलभासन), पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसन (सेतुबंधासन, उत्तानपादासन, अर्ध-हलासन, पवनमुक्तासन, शवासन), कपालभाति, अनुलोम-विलोम, शीतली तथा भ्रामरी आदि योगासन-प्राणायाम का अभ्यास व ध्यान, संकल्प कराया। शांति पाठ के साथ योगसत्र की समाप्ति हुई।
कार्यक्रम में पतंजलि गुरुकुलम् के 66 बालयोगियों ने लगातार 150 मिनट तक 2100 से ज्यादा बार सूर्य नमस्कार किया। पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मल्लखम्भ, मल्लयुद्ध, यौगिक मुद्राओं, जिम्नास्टिक आदि का प्रदर्शन किया।
स्वामी जी उपस्थित 20 हजार साधकों को योग युक्त होकर नशामुक्त होने का संकल्प दिलाया। साथ ही स्वामी विदेहदेव के पिता डॉ. विश्वम्भर बिशन दत्त जोशी ‘शैलज’ द्वारा रामायण के कुमाऊनी अनुवाद आधारित ग्रन्थ का विमोचन स्वामी जी, आचार्य जी तथा प्रदेश मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।
रूड़की, ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून के सैकड़ों गाँवों से पतंजलि योगपीठ, भारत स्वाभिमान व पतंजलि योगपीठ के हजारों कार्यकर्ताओं ने भाई भास्कर ओली जी तथा बहन सीमा जौहर जी के नेतृत्व में भाग लिया।
इस अवसर पर पतंजलि योग समिति की मुख्य महिला केन्द्रीय प्रभारी एवं पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका एवं संकायाध्यक्षा- मानविकी एवं प्राच्य विद्या संकाय साध्वी देवप्रिया जी, आचार्यकुलम् की निदेशिका बहन ऋतम्भरा शास्त्री, पतंजलि फूड्स लि. के एम.डी. श्री रामभरत, क्रय समिति अध्यक्षा बहन अंशुल, संप्रेषण विभागाध्यक्षा बहन पारूल, मुख्य केंद्रीय प्रभारीगण भाई राकेश ‘भारत’ एवं स्वामी परमार्थ देव, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति डॉ. महावीर जी, पतंजलि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय, विवि की कुलसचिव महोदया बहन प्रवीण पुनिया, कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव, सहायक कुलसचिव डॉ. निर्विकार, साध्वी देवमयी, साध्वी देवश्रुति, साध्वी देववरण्या, स्वामी विदेहदेव, स्वामी मित्रदेव, स्वामी विनयदेव, स्वामी ईशदेव, स्वामी सोमदेव, स्वामी बजरंगदेव आदि ने योग सत्र में भाग लिया।

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