काव्य गोष्ठी का आयोजन कर परिक्रमा ने दी सचिव सत्यदेव को विदाई

Haridwar News
Spread the love

तनवीर


हरिद्वार, 29 जुलाई। साहित्यिक संस्था परिक्रमा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच ने काव्य गोष्ठी का आयोजन कर भेल की हरिद्वार यूनिट में कार्यरत संस्था के सचिव सत्यदेव सोनी सत्य को भावभीनी विदाई दी। सत्यदेव सोनी का स्थानांतरण भेल की ही भोपाल इकाई में हुआ है। गोष्ठी का शुभारम्भ माँ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन व पुष्पार्पण के साथ हुआ।

वरिष्ठ कवि कुंवर पाल सिंह धवल की वाणी वंदना के उपरांत नगर की लगभभग सभी साहित्यिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के रूप में उपस्थित कवियों ने अपनी-अपनी शैली में काव्य प्रस्तुतियों के माध्यम से सत्यदेव सोनी को विदाई दी। वरिष्ठ कवियित्री श्रीमती नीता नैयर निष्ठा ने कहा छोटी सी आशा तन-मन को जिन्दा कर देती है, महेन्द्र कुमार ने याद दिलाया- भूल न जाना बीते पल वो, जो गुजरे थे संग हमारे, राजकुमारी थर्रान ने कहा- खुला तुम्हें हर द्वार मिलेगा, पहले सा हरिद्वार मिलेगा, कवि सुभाष मलिक ने चेताया- रोक लें रस्ता मेरा, वो पर्वतों में दम नही है, सावन की बरसती फुहारों के बीच कंचन प्रभा गौतम ने गाया- घिर-घिर आये फिर कारे बदरा, प्यासे मन को जो तरसाये बदरा।

कुछ इसी तरह का संदेश डा.कल्पना कुशवाहा सुभाषिनी का भी था- चल रही है मस्त पवन ये हिजाब में देखो, खिल गयी हैं सारी कलियाँ इस बहार में देखो। वरिष्ठ कवि एवं गीतकार अरुण कुमार पाठक ने जब अपनी पाँच गीतों की ताजा संगीत एलबम का शीर्षक गीत मेरी काँवड़ सजा दो भोले, बनूंगा मैं कावड़िया प्रस्तुत किया तो सभी भक्तिभाव में झूम उठे। कुंवर पाल सिंह धवल ने बताया- साथ देने का वायदा निभा न सके, साध मन की मन में दबी रह गयी, गीतकार अभिनन्दन अभि रसमय ने गुनगुनाया-भर-भर मनवा रोया मेरा, बरसाती रातों में, सुशील कुमार त्यागी अमित ने गाया- हवा पूछती है, फिजा पूछती है, छुपा है कहाँ चाँद निशा पूछती है।

परिक्रमा के नवनियुक्त सचिव शशि रंजन चौधरी समदर्शी ने शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि कुछ यूँ दी, कि पसंद उनकी कफन तिरंगा, सनम गये हैं वतन बचाने। शशिरंजन चौधरी के संचालन तथा वयोवृद्ध कवि पं.ज्वाला प्रसाद शांडिल्य दिव्य की अध्यक्षता में हुई इस गोष्ठी में महेश चन्द्र भट्ट उत्प्रेरक, साधुराम पल्लव, भूदत्त शर्मा, देवेन्द्र कुमार मिश्र, डा.तुषारकांत पांडे, मदन सिंह यादव, डा.मीरा भारद्वाज, सत्यदेव सोनी सत्य, सोनेश्वर कुमार सोना आदि कवियों ने भी काव्य पाठ किया। काव्य गोष्ठी के पूर्व सत्यदेव सोनी को विभिन्न उपहारों के साथ-साथ शाल ओढ़ा कर विदाई दी गयी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *