गौरव रसिक
हरिद्वार, 9 दिसंबर। किसान कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष व पूर्व प्रधान दिनेश वालिया ने कृषि कानूनों को लेकर कहा कि केन्द्र सरकार ने बिना किसी से सलाह मशविरा किए तीन काले कानून लागू किए हैं। दिनेश वालिया ने कहा कि किसानों ने अपनी मेहनत से कोरोना जैसी महामारी के दौर में देश की असाधारण सेवा की और उन्हीं की बदौलत इस संकट में देशवासियों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराया जा सका है। लेकिन किसान विरोधी और जन विरोधी केन्द्र सरकार ने कृषि विरोधी तीन कानून बनाकर देश के किसानों की साथ नाइंसाफी की है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण आज देश का किसान और खेत मजदूर कृषि विरोधी तीनों काले कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहा है। अपना खून पसीना देकर देश के लिए अनाज उगाने वाले अन्नदाता को मोदी सरकार खून के आंसू रुला रही है। दिनेश वालिया ने कहा कि अब किसानों के लिए बनने वाले कानून को बंद कमरों में बैठकर नहीं बल्कि उनसे चर्चा करके बनाए जाने चाहिए।
वालिया ने कहा कि किसानों की केन्द्र सरकार से कई दौर की वार्ता कर चुकी है। मगर अभी तक कोई सकारात्मक हल नहीं निकला है। किसान संगठनों का भारत बंद पूर्ण रूप से सफल रहा। ऐतिहासिक बंद ने बता दिया कि किसानों की उपेक्षा कर पूंजीपतियों के हित साधने वाली केंद्र सरकार को किसान हितों के साथ सौदा करना महंगा साबित होगा। किसान विरोधी बिलों को केन्द्र सरकार वापस ले और किसानो की सुध ले।