कुंभ आयोजन को लेकर सरकार गंभीर नहीं-द्विवेदी

Haridwar News
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अमरीश

हरिद्वार, 24 जनवरी। आम आदमी पार्टी के प्रदेश ज्वाइंट सेक्रेटरी मनोज द्विवेदी ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले कुंभ को लेकर उत्तराखंड सरकार बिलकुल भी गंभीर नहीं है। प्रैस को जारी बयान में उन्होंने कहा कि सरकार ने कुंभ की समय सीमा घटा दी है। 4 माह चलने वाला कुम्भ मात्र 48 दिन का कर दिया गया। कोराना महामारी से त्रस्त व्यापारी वर्ग कुम्भ से आस लगा कर बैठा था। उसकी आशाओ पर भी सरकार ने तुषारापात कर दिया है। कुम्भ शुरु होने में अब कम ही समय रह गया है। लेकिन कार्य अभी आधे अधूरे हैं।

सडक, अस्पताल, पुल, पार्किंग, सन्तो के लिये टेन्ट समेत कई व्यवस्थाएं अधुरी है। जिनके प्रति सरकार जरा भी गंभीर नजर नहीं आ रही है। एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने कुंभ को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का करने को कहा है। अब राज्य सरकार केंद्र के दिशा निर्देशों का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को जनता को बताना चाहिए कि हाईकोर्ट के निर्देशों का सरकार अनुपालन कर रही है या नहीं। साधु संतो की नाराजगी को लेकर सरकार गंभीर है या नहीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता बीजेपी को माफ करने वाली नहीं है। बीजेपी की कथनी करनी का आलम यह है कि गंगा को स्केप चैनल बताने वाले कानून को भी आम आदमी पार्टी के आवाज उठाने के बाद गंगा सभा, संत समाज के दबाव बनाने के बाद बदला।

द्विवेदी ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने हमेशा जनता को भ्रमित करने का काम किया है। लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। आप पार्टी जनता को भ्रमित नहीं होनी देगी और ऐसे राजनेताओं के चेहरों से मुखौटे हटाएगी जो जनता का नहीं सिर्फ अपना हित साधते हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष ओपी मिश्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी शुरु से ही कह रही है कि कुंभ को लेकर सरकार की तैयारी नाकाफी है। संत समाज भी कुंभ कार्यों को लेकर सरकार के प्रति कई बार अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है। इतना ही नहीं उच्च न्यायालय भी कुंभ कार्यो के प्रति नाराजगी जाहिर कर चुका है।

आप पार्टी ने संतों की नाराजगी का मुद्दा प्रमुखता से उठाते हुए कहा था कि संत समाज सरकार से नाराज है। उस वक्त शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने मीडिया के माध्यम से सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि संतों से विचार विमर्श हो गया है और उनकी नाराजगी समाप्त की जाएगी। लेकिन अभी भी कुंभ के अधूरे कामों को देखकर संतों की नाराजगी से ये स्पष्ट हो गया कि सरकार कुंभ कार्यों को लेकर गंभीर नहीं है। यही नहीं अभी तक सरकार ने कुंभ को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी नहीं किया है।

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