तनवीर
हरिद्वार, 24 जनवरी। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि देहरादून जा रहे किसानों को बलपूर्वक रोकना सरकार की हठधर्मिता हैं। भाजपा सरकारें किसान आंदोलन से डरी हुई है। एक और दिल्ली पुलिस किसानों को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत देती है। दूसरी तरफ उत्तराखंड पुलिस व उत्तराखंड सरकार किसानों को देहरादून राजभवन तक जाने से रोकना चाहती है। लोकतंत्र का तकाजा यही है जनता का जो वर्ग अपनी बात कहना चाहता हो, सरकार के फैसले से नाराज हो, अहिंसक प्रजातांत्रिक ढंग से अपनी बात कह सकता है तो उसे उसकी बात कहने की इजाजत दी जानी चाहिए।
जनता के इस अधिकार का हनन उत्तराखंड राज्य की सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा किया गया। प्रश्न यह है कि किसान राज्यपाल को मात्र ज्ञापन देना चाहते थे। राज्यपाल ज्ञापन लेते इसमें क्या आपत्ति थी और क्या कठिनाई थी। राज्यपाल को ज्ञापन लेना चाहिए था ताकि किसानों की बात राज्यपाल के माध्यम से देश के नेता और प्रधानमंत्री तक पहुंचती। जिससे उनको यह अंदाज होता केवल दिल्ली सीमा पर बैठे किसान ही नहीं पूरे भारत का किसान तीनों कृषि कानूनों को खत्म कराना चाहता है। किसानों को राज्यपाल से मिलने देने से रोकने से की घटना से एक बार फिर साबित हो गया है कि सरकार किसान विरोधी है।
कृषि कानूनों के जरिए भी यह सिद्ध हो चुका है। अम्बरीष कुमार ने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि किसान हिम्मत, जोश और उत्साह के साथ राष्ट्र हित के कार्य में जुटे हुए हैं। तीनों कृषि कानून किसानों के लिए ही नहीं आम जनता के लिए भी हानिकारक हैं।