मानव व्यवहार से सम्बन्धित कुछ निश्चित मानक स्थापित करते है मानवाधिकार–ललित मिगलानी

Haridwar News
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तनवीर


हरिद्वार, 10 दिसम्बर। विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हाईकोर्ट नैनीताल के अधिवक्ता ललित मिगलानी ने जानकारी देते हुए बताया कि मानवाधिकार वे अधिकार हैं। जो मानव व्यवहार से सम्बन्धित कुछ निश्चित मानक स्थापित करते हंै। मानवाधिकार स्थानीय तथा अन्तरराष्ट्रीय कानूनों द्वारा नियमित रूप से रक्षित होते हैं। भारतीय संविधान में मानवाधिकारों के कई प्रावधानों को शामिल किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 तक भारत के प्रत्येक नागरिक को समानता के अधिकार की गारंटी देते हैं।

अनुच्छेद 19 भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है और अनुच्छेद 21 जीवन एवं स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है। मिगलानी ने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार के तहत आता है। शहरीकरण और औद्योगीकरण की वजह से प्रदूषण में वृद्धि के कारण मानव अधिकारों का लगातार उल्लंघन हुआ है।

समाज में महिलाओं को कमजोर माना जाता है और अक्सर उन्हें बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा जाता है। महिलाओं के मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए भी अनेक उपाय किए गए हैं। मानवाधिकार किसी व्यक्ति को दुर्व्यवहार या भेदभाव से बचाते हैं। क्योंकि सभी को शारीरिक और बौद्धिक रूप से विकसित होने का समान अवसर मिलना चाहिए।

धार्मिक स्वतंत्रता मानव अधिकारों द्वारा संभव है। मानव अधिकारों द्वारा सरकार की जवाबदेही के लिये एक समान मानदंड प्रदान किया जाता है। मिगलानी ने कहा हर वो अधिकार जो आपको ओर हमको चाहिये और वही अधिकार हमारे ओर आपके द्वारा अपने स्वार्थ के लिये तोड़े जाते है। जिन्हें मानवाधिकारों का हनन कहा जाता है।

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