लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला सपरिवार पधारे परमार्थ निकेतन

Haridwar News
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विश्व विख्यात परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग
स्वामी चिदानन्द सरस्वती और ओम बिड़ला ने मोरबी केबल ब्रिज हादसे के प्रति अपनी संवेदनायें व्यक्त की

हादसे में जान गवाने वालों को भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये उनके मोक्ष की प्रार्थना
सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दी श्रद्धाजंलि
आज की परमार्थ गंगा आरती मोरबी पीड़ितों को समर्पित
उत्तराखंड पर्यटन के लिये सुरिक्षत
स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 1 नवम्बर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और स्वामी नारायण गुरूकुल के प्रमुख संत माधवप्रिय दास जी स्वामी और अन्य पूज्य संतों ने मोरबी केबल ब्रिज हादसे में जान गवाने वालों के प्रति संवेदनायें व्यक्त करते हुये माँ गंगा के तट से भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये उनके मोक्ष की प्रार्थना की।
दीपावली, छठ महोत्सव और रविवार छुट्टी का अवसर होने के कारण लोग अपने परिवार और अपनों के साथ शायद हाॅलीडे मनाने मोरबी केबल ब्रिज पहंुचे होंगे। चमचमाती लाइटों से आकर्षित होकर उस सस्पेंशन ब्रिज की क्षमता से अधिक लोग उस पर पहंुचे, पर्यटकों की संख्या 500 से अधिक होने के कारण केबल ब्रिज टूट गया और सैकड़ों की संख्या में लोग मच्छु नदी में जा गिरे। इस हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी और कई लोग घायल हो गये।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि गुजरात, मोरबी में रविवार को हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस तरह की दुर्घटनायें हम सभी के हृदय को विचलित कर देती हंै। इस घटना से कई परिवार बिखर गये, अनेकों ने अपनों को खो दिया। ईश्वर उन सभी को असमय आये दुःख को सहने की शक्ति और सामथ्र्य प्रदान करें।
स्वामी ने कहा कि इस घटना ने न केवल भारतवासियों को बल्कि विश्व के अन्य देशों में रहने वालों को भी झकझोर दिया है। कल से विश्व के अनेक लोगों के मेरे पास फोन आ रहे हैं और लोग पूछ रहे हैं कि क्या उत्तराखंड की हालत भी ऐसी है? उत्तराखंड के ब्रिज सुरक्षित है? मैंने कहा कि भय का माहौल न बनाये। उत्तराखंड के ब्रिज सुरिक्षत हैं। हमें ध्यान रखना होगा कि ऐसी घटनाओं से भय उत्पन्न होता है इसलिये ऐसी घटनायें न घटे इस हेतु सरकार, प्रशासन और समाज सभी को विशेष रूप से ध्यान रखना होगा। जनसमुदाय को भी नियमों का पालन करना चाहिये ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके क्योंकि ये सभी की जिम्मेदारी है।
ओम बिड़ला ने कहा कि देश में घटने वाली इस तरह की घटनायें अत्यंत दुःखद है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये सरकार और समाज को मिलकर कार्य करने की जरूरत है।
परमार्थ निकेतन गंगा तट पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ,ओम बिड़ला और पूज्य संतों के पावन सान्निध्य में परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार और सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने मिलकर इस दुखद घड़ी में पीड़ित परिवारों को संबल और धैर्य प्रदान करने और मृतकों की आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
स्वामी जी ने ओम बिड़ला और बिड़ला को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर उनका अभिनन्दन किया।

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