तनवीर
हरिद्वार, 27 नवंबर। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि सरकारें किसानों के लोकतांत्रिक और मौलिक अधिकारों का हनन बंद करें। प्रैस को जारी बयान में उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र और हरियाणा सरकार कोरोना के नाम पर किसानों के दिल्ली कूच को दमनात्मक उपायों के जरिए रोकने का प्रयास कर रही है। अपनी मांगों के लिए देश के संविधान के मुताबिक शांतिपूर्वक अहिंसक प्रदर्शन का प्रत्येक नागरिक को मौलिक अधिकार है। परंतु केंद्र सरकार के निर्देश पर हरियाणा से दिल्ली जा रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों को बलपूर्वक रोका जा रहा है। यह किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।
कोरोना के चलते संसद में बिना किसी बहस के किसान विरोधी कृषि कानून तो सरकार बना सकती है। परंतु किसान को विरोध करने के अधिकार से वंचित कर रही है। किसानों पर बल प्रयोग किए जाने की निंदा करते उन्होंने कहा कि सरकार को याद दिलाना चाहता हूं कि देश की आजादी का रास्ता चाहे वह चंपारण का किसान आंदोलन हो चाहे सरदार पटेल के नेतृत्व में खेड़ा गुजरात आंदोलन हो चाहे सरदार भगत सिंह के नेतृत्व में पगड़ी संभाल जट्टा का आवाहन हो। यह किसान ही थे जिन्होंने देश को आजाद कराया।
आज उन्हीं भूमि पुत्रों पर अत्याचार सरकार की किसान विरोधी मानसिकता का उदाहरण है। सरकार आज सब कुछ देश के चंद कॉर्पोरेट हाउस को दे देना चाहती है। इसी कारण किसान विरोधी कृषि कानून बनाए गए हैं। देश के संगठित असंगठित देश के मजदूरों और कामगारों को भी बधाई देना चाहता हूं। जिन्होंने निजीकरण और श्रमसंहिताओ के खिलाफ शानदार एकजुट कर प्रदर्शन करते हुए ऐतिहासिक हड़ताल की।