मानव स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं की रोकथाम पर आयोजित हुआ राष्ट्रीय वेबीनार

Uttarakhand
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अरविंद

पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,ऋषिकेश (श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर) के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग के द्वारा दिनांक 21 अगस्त 2020 सांय 4 से 6 तक एक राष्ट्रीय वेबीनार आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता एम्स भटिंडा के प्रो॰ भोला नाथ, व एम्स ऋषिकेश की प्रो सत्यवती राणा रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत छात्रा वैष्णवी तिवारी के द्वारा सरस्वती वंदना कर की गई, कार्यक्रम के आरंभ में आयोजन सचिव प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने मुख्य वक्ताओं का परिचय दिया व वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रभारी प्रो सुषमा गुप्ता ने कार्यक्रम की रूप रेखा पर प्रकाश डाला।
महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो सुधा भारद्वाज ने अतिथियों का स्वागत उदबोधन किया व उनका धन्यवाद ज्ञापित किया ।
पहले सेशन में प्रो भोला नाथ, अडिशनल प्रोफेसर कम्युनिटी मेडिसीन विभाग ने मौसमी बीमारी जैसे डेंगू, मलेरिया से जुड़े पहलू एवं उनकी रोकथाम संबंधित जानकारियाँ साझा की, उन्होंने 2019 में उत्तराखंड के अपने डेंगू पर किये गए रिसर्च के बारे में बताया, उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में 2019 में डेंगू से लगभग 10500 लोग प्रभावित हुए थे ।

भारत में यह आंकड़ा लगभग 1 लाख से अधिक था। उन्होंने डेंगू के कारक तथा उनके निदान के बारे में बताया। जिसमें उन्होंने बरसात में इससे बचने के उपाय के बारे में डेंगू वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। साथ ही उन्होंने डेंगू के बीमारी के लक्षणों के बारे में विस्तार से चर्चा की उन्होंने बताया कि डेंगू की कोई भी वैक्सीन या दवा नहीं है इसके बचाव के लिए घर में तुलसी, लेमन, पुदीना आदि लगाने से मच्छर को दूर रख सकते हैं। वेबिनार की दूसरी मुख्य वक्ता प्रो०(डॉ०) (श्रीमती) सत्यवती राणा, सीनियर प्रोफ़ेसर, डिपार्टमेंट ऑफ बायोकेमिस्ट्री,एम्स(ऋषिकेश) ने हाइड्रोजन ब्रेथ टेस्ट से बीमारी का पता लगाने के बारे में चर्चा की।
उन्होंने बताया कि हाइड्रोजन स्वास टेस्ट से पेट में बैक्टीरियल ग्रोथ का पता लगाते हैं यह मरीजों में लेक्टोज इंट्रोलरेंस को डिटेक्ट करने के लिए करते हैं,

कई प्रोटोजोअल बीमारियां जैसे कि अमीबिक डायरिया, जीआरडिया बीमारी में यह महत्वपूर्ण है, उन्होंने बताया कि हमारे खानपान का काफी प्रभाव हमारे शरीर की आंतों पर पर पड़ता है उन्होंने लेक्टोज इंट्रोलरेंस के लक्षणों के बारे में बताया जिसमें मरीज को डायरिया,पेट में दर्द तथा गैस की गंभीर समस्या होती है, यह एक नॉन इन्वेसिस तकनीक है, जिसके जरिए बिना चीरा टांका के सांस के द्वारा जांच की जाती हैं।
व्याख्यान के पश्चात प्रतिभागियों द्वारा प्रश्न उत्तर सेशन हुआ। जिसका वक्ताओं द्वारा समाधान किया गया। वेबीनार का संचालन ज़ूम ऐप के माध्यम से हुआ, वेबीनार का संचालन पैथोलॉजी की प्रवक्ता सफ़िया हसन के द्वारा किया किया ।
अंत मे उच्च शिक्षा के भूतपूर्व निदेशक प्रो एन पी माहेश्वरी ने कहा कि यह वेबीनार प्रतिभागियों के लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण सिध्द होगा एवं मौसमी रोगों से बचाव के प्रति जागरूकता आएगी।
वेबिनार के मुख्य संरक्षक प्रो॰ पी.पी ध्यानी,कुलपति, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय ने व्यस्त होने के कारण अपना संदेश दिया और वेबिनार के आयोजन के लिए महाविद्यालय व मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग को शुभकामनाएं दी।
अंत मे माइक्रोबायोलॉजी की प्रवक्ता श्रीमती शालिनीकोटियाल, द्वारा सभी वक्ताओ का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
कार्यक्रम संचालन में डॉ अनिल कुमार, अर्जुन पालीवाल, देवेंद्र भट्ट, विवेक राजभर, पवन कुमार, श्रवण दास आदि ने सहयोग दिया।

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