तनवीर
हरिद्वार, 4 अक्तूबर। श्री नटराज रामलीला समिति द्वारा भेल सेक्टर-4 स्थित सामुदायिक केंद्र में आयोजित रामलीला के पांचवे दिन रंगमंच पर राम सीता स्वयंवर, रावण बाणासुर व लक्ष्मण परशुराम संवाद लीला का मंचन किया गया। माता सीता के भगवान शिव का धनुष उठाने पर राजा जनक सीता स्वयंवर घोषणा करते हुए कहते हैं कि जो भी राजा धनुष का खंडन करेगा उस राजा से अपनी पुत्री सीता का विवाह करेंगे।

घोषणा को सुनकर विभिन्न राज्यों से आए राजाओं ने एक-एक करके धनुष को खंडन करने का प्रयास किया। लेकिन सभी राजा विफल रहे। यह सब देखकर मुनि विश्वामित्र ने भगवान श्रीराम को धनुष का खंडन करने का आदेश श्री राम को दिया। गुरु के आदेश का पालन करते हुए श्रीराम धनुष को तिनके के समान उठा कर उसका खंडन कर देते है। श्रीराम के द्वारा धनुष तोड़ने के बाद सीता ने भगवान राम के गले में जयमाला डाल दी।
सभी देवी देवताओं ने पुष्प वर्षा कर दोनों को आशीर्वाद दिया। परंतु अपने इष्ट भगवान शिव के धनुष खंडन से अत्यंत क्रोधित होकर स्वयंवर मंडल में पहुंचे भगवान परशुराम व लक्ष्मण के बीच हुए संवाद को हजारों की संख्या में स्थानीय व आसपास के गांवों से आए दर्शकों ने खूब सराहा। इसके अलावा रावण बाणासुर संवाद का भी दर्शकों ने खूब आनंद लिया।
रावण का अभिनय अमरीश प्रजापति, बाणासुर के किरदार में अतुल चौहान, परशुराम श्याम कश्यप, विश्वामित्र सुरेश मामा, श्रीराम महेश सैनी, लक्ष्मण सुमित कुशवाहा, सीता पिंकी कुशवाह, जनक विमलचंद्र, अहिल्या का अभिनय वंश ने किया। निर्देशन अवधेश सिंह, सुशील त्रिपाठी ने किया। रामलीला में मुख्य भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विशाल गर्ग एवं समाज सेवी विक्रम सिंह ने उपस्थित रहे।