कमल खड़का
हरिद्वार, 12 मई। ज्वालापुर निवासी नितिन श्रोत्रिय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तीर्थ पुरोहितों की मांग पर हरकी पैड़ी पर तीर्थ यात्रिओं को अस्थि प्रवाह की विसर्जन की अनुमति देने के जो निर्णय लिया है वह स्वागत योग्य है। उन्होंने बताया कि विभिन्न राज्यों से आने वाले यात्री अपने परिजनों की अस्थियां हरकी पैड़ी पर विसर्जन कर सकते हैं। जिससे देश भर के श्रद्धालुओं के साथ पुरोहितों को भी राहत मिली है। हिंदु धर्म में अस्थियां गंगा में प्रवाहित किए जाने पर ही मृत आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि देश भर से आने वाले तीर्थ यात्री अपने पुरोहितों के सानिध्य में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए धार्मिक कर्मकाण्ड संपन्न करा रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करते हुए पुरोहित के साथ 2 यजमानो को बैठा कर पूजा पाठ कराया जाएगा। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विधिवत तरीके से पूजा कर्म संपन्न कराएं। साथ ही तीर्थ यात्रियों को गंगा को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग के लिए प्रेरित भी करें।
नितिन श्रोत्रिय ने कहा कि लाॅकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों से अपने परिजनों की अस्थि प्रवाह के लिए धर्मनगरी में पहुंच रहे लोग विशेष रूप से कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए अपने वाहनों में भी सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें। अपनी व दूसरों के जीवन से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। आदि अनादि काल से हरकी पैड़ी पर ही अस्थि प्रवाह की जाती रही है। लेकिन लाॅकडाउन के कारण अस्थि प्रवाह अन्य राज्यों में भी लोगों को मजबूरन करने के लिए तैयार होना पड़ा। लेकिन सरकार के आदेशों के बाद धर्मनगरी में विभिन्न राज्यों अपनों की अस्थि की पूजा अर्चना व कर्मकाण्ड करने के लिए धर्मनगरी में लोग पहुंच रहे हैं।