तनवीर
हरिद्वार, 2 फरवरी। पतंजलि विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने हरकी पैड़ी पर जरूरतमंद व्यक्तियों को गर्म कपड़े, जूते, चप्पल तथा स्टेशनरी का सामान कॉपी, पुस्तकें, पेंसिल, पैन इत्यादि वितरित की गयी। इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका प्रोफेसर साध्वी देवप्रिया ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में दान करना सबसे बड़ा पुण्य कार्य है और यदि यह कार्य जरूरतमंदों के लिए किया जाए तो इससे बड़ा कोई भी श्रेष्ठ कर्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हम सबकी सहायता नहीं कर सकते हैं, पर हम सब किसी ना किसी की सहायता कर सकते हैं। अतः प्रत्येक स्वयंसेवक को इसी विचार के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ना है।
कार्यक्रम की संयोजिका डा.वैशाली गौड़ ने स्वयंसेवकों से कहा कि कभी भी किसी भी व्यक्ति को दूसरे व्यक्तियों की सहायता करने में तनिक भी संकोच नहीं करना चाहिए। प्रेम, सहयोग, निष्ठा एवं सामर्थ्य के अनुसार जीवन में दान करना चाहिए। पतंजलि विश्वविद्यालय के स्वयंसेवकों ने अपनी निस्वार्थ सेवा से यह सिद्ध कर दिया कि कोई भी धर्म मानवता से बड़ा नहीं होता है और दान से बड़ा कोई कर्म नहीं होता।
इस दौरान स्वयंसेवकों ने गुरुजनों के सानिध्य में संकल्प लिया कि जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए हमेशा आगे रहेंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शिल्पा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस अवसर पर भूपेंद्र, अदिति, अविकांत, वासुदेव, तनीषा, रिषिका, घनश्याम, करण, विवेक आदि स्वयंसेवक शामिल रहे।