तनवीर
हरिद्वार, 9 मई। पतंजलि संस्थान द्वारा आचार्य बालकृष्ण के मार्गदर्शन में केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान को मृदा परीक्षण की ऑटोमेटेड मशीन ‘धरती का डॉक्टर उपहार स्वरूप भेंट की गई। इस मशीन के प्रयोग से न केवल किसानों को अपनी कृषि भूमि की मिट्टी की जांच करने में सहायता के साथ जैविक एवं रासायनिक खेती हेतु आवश्यक उर्वरक प्रयोग के लिए सुझाव भी प्राप्त किए जा सकेंगे।
इस अवसर पर भरूआ एग्री साइंस के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि मृदा परीक्षण मशीन ‘धरती का डॉक्टर’ को पहले ही भारतीय कृषि अुनसंधान परिषद (आईसीएआर) के केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रमाणन-पत्र प्रदान किया जा चुका है। इस मशीन के माध्यम से मृदा स्वास्थ्य के 12 आवश्यक मानकों का परीक्षण किया जाता है। जिसमें मुख्य पोषक तत्व उपलब्ध नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश एवं गौण पोषक तत्व बोरॉन, आयरन, जिंक, कॉपर एवं मैंगनीज शामिल हैं।
इस मशीन को भारत सरकार द्वारा पेटेंट तथा सीई-सर्टिफिकेट प्राप्त है। उन्होंने बताया कि इस मशीन को पतंजलि के वैज्ञानिकों द्वारा वर्षों के व्यापक शोध के बाद विकसित किया गया है, जो किसानों के लिए वरदान है। आचार्य ने बताया कि इस मशीन के द्वारा सरल विधियों से फसलानुसार उर्वक संस्तुतियां रासायनिक, जैविक एवं मिश्रित तीनों प्रकार से प्राप्त की जा सकती हैं।
केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा.राजेंद्र कुमार यादव ने कहा कि धरती का डॉक्टर देश के किसानों तथा भारत सरकार की मृदा स्वास्थ्य योजना के लिए उपयोगी मशीन साबित होगी। उन्होंने कहा कि हमारा स्वास्थ्य धरती के स्वास्थ्य के साथ जुड़ा है। मृदा स्वास्थ्य के लिए 12 पैरामीटर्स हैं। जिनके आधार पर मिट्टी की गुणवत्ता निर्धारित की जाती है।
हमारी टीम ने इस मशीन पर गहन परीक्षण किया। जिसमें पाया गया कि यह देश की ऐसी पहली मशीन है। जिसके द्वारा सभी 12 पैरामीटर्स की सटीक जांच की जा सकती है। पतंजलि संस्थान के डा.अशोक मेहता ने सभी वैज्ञानिकों का ध्यान पतंजलि संस्थान द्वारा किसानों के लिए किये जाने वाले निरन्तर प्रयासों की तरफ आकर्षित किया। अवसर पर केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान की ओर से डा.अरविंद कुमार राय, डा.एस.के. सनवाल, डा.सतेंद्र कुमार, डा.पारुल सुंधा, डा.प्रियंका चन्द्रा, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं पतंजलि संस्थान की ओर से डा.अशोक मेहता, विक्रांत वर्मा, डा. अशुतोष गुप्ता, अशोक कुमार, शिवम कुमार मौजूद रहे।