तनवीर
हरिद्वार, 14 नवम्बर। पतंजलि विश्वविद्यालय, केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद नई दिल्ली तथा एनआईएन पुणे द्वारा 18 नवम्बर को ‘छठे प्राकृतिक चिकित्सा दिवस’ का आयोजन किया जाएगा। पंतंजलि विवि के सभागार में आयोजित किए जा रहे प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर सीसीआरवाईएन तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘नैचुरोपैथी फॉर हालिस्टिक हैल्थ (समग्र स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक चिकित्सा)’ विषय पर 18 और 19 नवम्बर को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा।
पतंजलि योगपीठ, सीसीआरवाईएन, एनआईएन और विश्व प्राकृतिक चिकित्सा महासंघ के सहयोग से दूसरी बार ‘प्राकृतिक चिकित्सा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ का आयोजन कर रहा है। सम्मेलन में देश-विदेश के छात्र, शिक्षक, शोधकर्ता, व्यवसायी और शिक्षाविद प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में अवसरों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे और इस क्षेत्र के विकास की नई राह तलाशेंगे।
सम्मेलन में कार्यात्मक खाद्य पदार्थ, प्राकृतिक चिकित्सा पोषण, स्पा, सार्वजनिक स्वास्थ्य में प्राकृतिक चिकित्सा, खाद्य पदार्थों के औषधीय मूल्य, गट माइक्रोबायोम और डिस्बिओसिस, प्राकृतिक चिकित्सा अवधारणाओं के लिए वैज्ञानिक आधार आदि विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। साथ ही सम्मेलन में युवा शोधकर्ताओं के लिए सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल, नई दिल्ली द्वारा अनुसंधान पद्धति पर एक कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। प्राकृतिक चिकित्सा औषधि रहित व दुष्प्रभाव रहित निरापद चिकित्सा प्रणाली है।
जिसके माध्यम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सहजता से प्राप्त किया जा सकता है। प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष 18 नवम्बर को प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है।