तनवीर
हरिद्वार, 27 जनवरी। देश के 72वें गणतंत्रा दिवस के अवसर पर पतंजलि योगपीठ में स्वामी रामदेव महाराज एवं आचार्य बालकृष्ण ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज महाराज ने कहा कि पंतजलि का संकल्प है कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में योग अनिवार्य हो। इस दिशा में कानूनी प्रबंधन जब बनेंगे, तब बनेंगे मगर हमें योग से ही शुरुआत करनी होगी। अपने जीवन में योग को अनिवार्य करना होगा।
स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि पतंजलि ने शपथ ली है कि ड्रग माफियाओं की लूट और षड़यंत्र से इस देश का हमें बचाना है और योग, आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा को स्वदेशी का विकल्प देकर भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी क्रांति के बाद अब शिक्षा के क्षेत्र में नवीन क्रांति का समय है। इसके लिए भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन हो चुका है। 1835 में मैकाले ने जो इण्डियन एजूकेशन एक्ट बना कर भारतीय शिक्षा व्यवस्था को जो ध्वस्त किया था उसे पुनः प्रतिष्ठापित करना होगा।
हमने सनातन और नूतन का संगम करके नई शिक्षा नीति तैयार की है जिसमें संस्कृत भाषा अनिवार्य होगी। भविष्य में भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से हजारों, लाखों विद्यालयों को सम्पूर्ण भारतवर्ष से जोड़ा जायेगा। आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि आज का दिन हम सबके लिए गौरव का दिन है। जब हम वीर, शहीदों की बात करते हैं तो याद रखें कि उन्होंने इस देश के लिए कितना तप किया होगा, उन वीर शहीद क्रांतिकारी महापुरुषों ने देश को आजाद कराने के लिए प्रतिकूलता में कितना संघर्ष किया होगा। हम उनके ऋणि हैं जिन्होंने हमें खुली हवा में श्वास लेने का अवसर प्रदान किया।
उनको याद करते हुए प्रतिज्ञा लें कि हम जहाँ जिस रूप में भी सेवा प्रदान कर रहे हैं वहाँ पूरी निष्ठा, श्रद्धा, भावना, मर्यादा व व्यवस्था के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। विद्यार्थी भी पूरी निष्ठा व लगन के साथ उच्च शिक्षा में दक्ष हों। इससे पूर्व पतंजलि योगपीठ परिसर में परम पूज्य स्वामी रामदेव महाराज तथा श्रद्धेय आचार्य बालकृण महाराज ने मुस्लिम भाईयों के साथ गुब्बारों का एक गुच्छ आकाश में उड़ाकर गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ सभी देशवासियों को दी।
आचार्यकुलम् व गुरुकुलम् के छात्रा-छात्राओं ने परेड़ निकालकर एवं संास्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया। कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय, आयुर्वेद काॅलेज, आचार्यकुलम, वैदिक गुरुकुलम, वैदिक कन्या गुरुकुलम् के छात्र-छात्राएँ, पतंजलि योगपीठ से सम्बद्ध इकाईयों के इकाई प्रमुख, अधिकारीगण व प्राध्यापकगण उपस्थित रहे।