पंजाबी समाज की एकता को खण्डित नहीं होने दिया जाएगा-सुनील अरोड़ा:-विडियो

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कमल खडका

हरिद्वार, 12 जुलाई। उत्तरांचल पंजाबी महासभा के पदाधिकारियों ने नियम विरूद्ध अध्यक्ष पद की दावेदारी पर सवाल खड़े किए। एक गुट द्वारा कोर कमेटी के नियमों को ताक पर रखकर पदाधिकारियों की घोषणा करना महासभा के नियमों के विरूद्ध है।

प्रैसवार्ता में पंजाबी महासभा के जिला अध्यक्ष प्रमोद पांधी व प्रदेश महामंत्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोर कमेटी के नियमों को ताक पर रखकर अध्यक्ष पद की घोषणा की गयी है। भाजपा व कांग्रेस के दिग्गज नेताओं द्वारा कार्यक्रम में शामिल होकर पंजाबी समाज की एकता को खण्डित करने का काम किया गया है।

उन्होंने कहा कि महासभा गैर राजनीतिक दल है। राजनैतिक लाभ साधने की नीयत से नियमों को ताक पर रखकर अध्यक्ष पद की घोषणा करना घोर निन्दनीय है। उन्होंने कहा कि कोर कमेटी के आधा दर्जन सदस्य हमारे साथ हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अनिल कुमार कुमार, सुरेश मनोचा, विमलेश आहूजा, करण मल्होत्रा, अनिल खुराना, राजू ओबराय, नीरज कुमार कोर कमेटी के सदस्य हैं। बिना बताए स्वयंभू अध्यक्ष की घोषणा कर दी गयी है। पंजाबी समाज एकता व सामाजिक कार्यों में अपना योगदान हमेशा ही देता चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि समाज को जोड़ने वाली बात करनी चाहिए। ना कि समाज में बिखराव की स्थिति पैदा की जाए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष राजीव घई के निर्देशों पर पंजाबी समाज लगातार सामाजिक हितों में अपना योगदान देता चला आ रहा है। समाज द्वारा मिलजुल कर लाॅकडाउन में जरूरतमंदों की मदद की गयी। लगातार समाज निःशुल्क चिकित्सा शिविर, रक्तदान, गंगा स्वच्छता अभियानों को जनहित में चलाता आ रहा है। लेकिन कुछ षड़यंत्र के तहत समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पंजाबी समाज एकता के बल पर ही अपनी पहचान को बनाए हुए है।

ऐसे राजनीतिक चेहरों से भी सावधान रहने की आवश्यकता है जो समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं। इस अवसर पर मनोज भाटिया, महेंद्र अरोड़ा, कुंज भसीन, राम अरोड़ा, अनिल पुरी, सुरेश कोचर, कामिनी सड़ाना, राजू ओबराय आदि ने भी पंजाबी समाज की एकता पर प्रहार करने वालों की कड़े शब्दों में निंदा की। 


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