रक्षा बंधन की 33 साल की खुशियों को कम कर गया कोरोना- राव आफाक अली 

Haridwar News
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तनवीर

हिन्दू मुस्लिम एकता की पहचान साम्प्रदायिक सद्भावना के प्रतीक जिला पंचायत के उपाध्यक्ष राव आफाक अली वैसे तो होली दीपावली मिलन हो या शिव भक्त कवांडियो की सेवा करना हर साल नही भूलते बल्कि अपना फ़र्ज़ समझते है। 33 वर्ष पहले रानीपुर थाने के एक दरोगा जो सी बी सी आई डी के इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए है 33 वर्ष पहले रक्षा बंधन के दिन अचानक उनके घर जाना हुआ तो उन्होंने लंच पर अपने परिवार के साथ बैठा लिया। इत्तेफ़ाक़ से Y.K.शर्मा का कोई पुत्र नही था ।

लंच के बाद राव आफाक अली ने उनकी तीनो पुत्रियो को कंचन शर्मा ,पिंकी शर्मा, दीपा शर्मा को 10-10 रुपए दिए तो वो तीनो छोटी छोटी बहने झट से बाजार गयी और राखिया लाकर राव आफाक अली को बांध दी ।तब से अब तक यह सिलसिला जारी है क्योंकि रघुकुलरीत सदा चली आई प्राण जाये पर वचन ना जाये। इस बहन भाई के पवित्र रिस्ते को निभाते चले आ रहे है इस कोरोना महामारी ने आज इस खुशी के मौके को फीका कर दिया क्योंकि देहरादून की दो बहनों ने तो स्पीड पोस्ट से राखिया भेजी व विडीओ कॉन्फ्रेंस पर भाई बहन ने बातचीत की ।

जबकि दो अन्य बहनों ने स्वयं राखिया बांधी है राव ने बताया कि पूर्व में भी कई किस्से कहानियां जो हकीकत मे आयी ।उसे आमेर की रानी ने हुमायु को राखी भेजी थी तो भाइयो ने हमेशा रानी के राज्य की रक्षा की व भाई होने का फर्ज निभाता रहा । हिंदुस्तान में लाखों हिन्दू मुस्लिम भाई बहनों का रक्षा बंधन का त्यौहार साल भर इंतेजार कराता है जो खुशी इस पाकीजा बन्धन में मिलती है वह कही और नही मिल पाती ।

इसी प्रकार राव आफाक अली की बहन नुजहत राव ने भी अपने लव कुमार शर्मा जो सिचाई विभाग में कार्यरत है को पिछले 15 वर्षों से राखी बांधती चली आ रही है दुनिया मे नफरतो की चाहे जितनी आंधिया चले इस्लाम धर्म व स्नातन धर्म के मानने वाले अमन भाईचारे व सद्भावना का ही पैगाम रहेंगे क्योकि” मजहब नही सीखाता आपस मे बैर रखना ,हिंदी है हम वतन है, हिंदुस्तान हमारा ” “सारे जहा से अच्छा हिंदुस्तान हमारा “।

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