सबसे अच्छी औषधि जीवन शैली ही है -डॉक्टर शर्मा
मौजूदा जीवन शैली से भारत में बढ़ी है हृदयरोग, ब्रेन स्ट्रोक और कैंसर की बीमारी
हरिद्वार ।” भारत में आज जिस तेजी के साथ लोगों का आहार ,विचार और व्यवहार बदल रहा है और जो जीवन शैली अपनाई जा रही है,उससे आने वाले समय में भारत में ह्रदय ,ब्रेन स्ट्रोक और कैंसर के रोगियों की तादाद बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी और इन लोगों से मरने वालों की तादाद सबसे ज्यादा होगी इसीलिए मनुष्य को अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना चाहिए ताकि इन लोगों से बचा जा सके”।यह बात अमेरिका से आए ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुशील कुमार शर्मा ने कही वे आज रामकृष्ण मिशन मठ एवं सेवा आश्रम में आयोजित छह दिवसीय स्वास्थ्य योग शिविर के उद्घाटन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। स्वास्थ्य योग शिविर 6 मार्च को समाप्त होगा।जिसमें लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता प्रदान की जाएगी।
जीवन शैली में परिवर्तन लाने पर जोर देते हुए डॉक्टर शर्मा ने कहा कि मनुष्य को इन रोगों से बचाव के लिए विभिन्न तरह के फल, सब्जियां, विभिन्न प्रकार की दालें, चोकर वाला ब्राउन आटा, ब्राउन चावल जैसे खाद्य पदार्थों का प्रयोग करना चाहिए ।दूध और दूध से बने पदार्थों ,चीनी, नमक ,सफेद आटा, सफेद चावल, मैदा ,नूडल्स ,तली हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए ,यदि हम इस तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन करेंगे तो उससे हमारी खून को प्रवाहित करने वाली नलिया अवरुद्ध हो जाएंगी और हृदय रोग, ब्रेन स्ट्रोक और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा ।
उन्होंने कहा कि खानपान का मनुष्य के स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है।उन्होंने कहा कि सबसे अच्छी औषधि जीवन शैली ही है/ हमारी जीवनशैली ही हमारे स्वास्थ्य पर असर डालती है।
ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शर्मा के मुताबिक योग ध्यान प्राणायाम सुबह शाम पैदल घूमने से हमारे शरीर में मोटापा कम होगा और हमारा जीवन स्वस्थ रहेगा ।प्राणायाम, योग, ध्यान और लोक सेवा हमें मानसिक तनाव से मुक्ति प्रदान करते हैं और यह शोध में भी पाया गया है कि जो व्यक्ति लोग सेवा के निस्वार्थ भाव से कार्य करते हैं ,उन्हें मानसिक तनाव कम होता है और उनका जीवन शांतिमय होता है ,जिससे उनके जीवन में तनाव नहीं रहता और वे इन रोगों से बचे रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पूरे शरीर में धमनियों का जाल बिछा हुआ है, धमनियों की सेहत अच्छी होगी तो हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
उन्होंने कहा कि हमें शाकाहारी भोजन को अपनाना चाहिए और सिगरेट, मांस-मदिरा के सेवन से बचना चाहिए ।इनकी जगह हमें नट्स ,चना, मटर ,राजमा ,लोबिया ,छोले जैसी दालें लेनी चाहिए।जिससे हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और हमें प्रोटीन की मात्रा भी भरपूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि हरिद्वार तीर्थ नगरी तो योग की नगरी है ।यहां स्वामी रामदेव जैसे योगाचार्य हैं ,जो योग के बारे में रात दिन बताते रहते हैं ।योग से मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा रहता है ।उन्होंने कहा कि जितना हम प्रकृति से जुड़ेंगे ।उतना ही हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। उन्होंने इस दिवसीय सेमिनार के पहले दिन पहले सत्र में आम जनमानस तथा तथा दूसरे सत्र में चिकित्सकों को संबोधित किया।
इस अवसर पर मठ के सचिव स्वामी नित्यशुद्धानंद महाराज ने डॉक्टर शर्मा को आशीर्वाद प्रदान किया और कार्यक्रम के संयोजक स्वामी दयाधिपानंद डॉ शिवकुमार महाराज और वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर समीर चौधरी ने डॉक्टर शर्मा का आभार जताया/ इस छह दिवसीय स्वास्थ्य योग शिविर की थीम है- स्वस्थ जीवन ,समृद्ध जीवन और साकार जीवन।