राहत अंसारी
हरिद्वार, 23 नवम्बर। भारतीय रेलवे ने हिंदू तीर्थ यात्रियों के लिए राजधानी दिल्ली से 7 नवम्बर से विभिन्न धार्मिक स्थलों के दर्शन कराने के लिए रामायण एक्सप्रेस ट्रेन चलाई है। इस ट्रेन के चलने से पहले हिंदू समाज ने खूब प्रशंसा की। लेकिन कुछ दिनों में ही ट्रेन के वेटरो के भगवा पोशाक पहनने पर साधु संतों ने कड़ी नाराजगी जताई। रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में सवार वेटर्स के भगवा ड्रेस पहनने को लेकर संत समाज खुलकर विरोध में उतर आया।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने केंद्रीय रेल मंत्री व आईआरसीटीसी के अधिकारियों का धन्यवाद कर बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई कर ट्रेन के वेटरों की पोशाक को बदला है। इसके लिए पूरे संत समाज की ओर से उन्हें बधाई देते हैं। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि साधु-संतों जैसे भगवा कपड़े और रुद्राक्ष की माला पहन कर इस ट्रेन में वेटर यात्रियों को जलपान और भोजन परोस रहे थे, जो हिंदू धर्म और उसके संतों का अपमान है।
शाम होते होते रेलवे प्रबंधन ने रामायण एक्सप्रेस में सवार वेटर्स कि ड्रेस बदल दी। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (आईआरसीटीसी) ने ट्विटर पर ऐलान किया कि इस ट्रेन के वेटर की पोशाक अब भगवा नहीं होगी। इसे बदलकर अब वेटर की परंपरागत पोशाक कर दी गई है। इसके बाद संतों ने इस फैसले पर खुशी जताई है।