गुरू ही शिष्य के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं-स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी

Haridwar News
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राकेश वालिया

हरिद्वार, 5 जुलाई। गुरूपूर्णिमा के अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने श्री दक्षिण काली मंदिर पहुंचकर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज से आशीर्वाद लिया और उनकी दीघार्यु की कामना की। स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक को मां की चुनरी व प्रसाद भेंटकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि गुरू के प्रति आस्था व विश्वास को प्रकट करने वाला गुरूपूर्णिमा का पर्व आदि अनादि काल से भारतवर्ष त मनाया जाता है।

गुरू ही शिष्य को ज्ञान देकर उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि गुरू शिष्य परम्पराओं का निर्वहन संत महापुरूषों द्वारा किया जाना समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। उन्होंने कहा कि गुरू हमेशा ही शिष्य के जीवन में कई तरह के बदलाव लाने में अपनी भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि गुरू का आदर व उनके बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए राष्ट्र व समाज के कल्याण के लिए सक्रिय रहना शिष्य का धर्म है। प्रत्येक शिष्य को अपने धर्म का पालन करते हुए स्वयं भी ज्ञान का सृजन कर गुरू शिष्य परम्परा को सुदृढ़ करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सच्चे शिष्य की पहचान यही होती है कि वह गुरू की शिक्षाओं का प्रचार प्रसार कर समाज का मार्गदर्शन करे। स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि गुरू व शिष्य का संबंध अटूट होता है। परम्पराओं का निर्वहन हिंदू संस्कृति को दर्शाने का सशक्त माध्यम है। गुरू बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं की जा सकती है। इस दौरान अंकुश शुक्ला, आचार्य पवनदत्त मिश्र, स्वामी विवेकानंद ब्रह्मचारी, पंडित प्रमोद पाण्डे, सागर ओझा, बालमुकुंदानन्द ब्रह्मचारी आदि उपस्थित रहे। 

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