सृष्टि के प्रधान देव हैं भगवान शिव-स्वामी कैलाशानंद गिरी

Haridwar News
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राकेश वालिया


हरिद्वार, 10 अगस्त। निंरजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि महादेव भगवान शिव की उपासना अमोघ फल प्रदान करती है। शिव कृपा से साधक के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। श्रावण मास में जो श्रद्धालु भक्त पूर्ण विधि विधान से भगवान शिव की आराधना करते हैं उन पर शिव कृपा असीम रूप से बरसती है और उनका जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है।

नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिकाली मंदिर में लोक कल्याण के लिए पूरे सावन चलने वाले भगवान शिव के निमित्त विशेष अनुष्ठान के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव सृष्टि के प्रधान देव हैं। अन्य देवी देवता भी उनकी आराधना करते हैं। उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से तो भगवान शिव की आराधना प्रत्येक दिन की जाती है। लेकिन श्रावण मास भगवान शिव की आराधना को ही समर्पित है।

भगवान शिव अपने राजा दक्ष को दिए वचन का पालन करते हुए पूरे श्रावण मास कनखल स्थित दक्ष महादेव मंदिर में विराजमान रहकर सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में हरिद्वार के गंगा तट पर उनकी आराधना का महत्व और अधिक हो जाता है। श्रद्धालु भक्तों को पूरे श्रावण मास गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक अवश्य करना चाहिए।

दयालु व कृपालु अपने भक्तों में कोई भेद नहीं करते हैं और जलाभिषेक से ही प्रसन्न होकर भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण कर देते हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि बुधवार को विभिन्न प्रकार के पुष्पों से भगवान भोलेनाथ का श्रंग्रार कर पंचामृत से जलाभिषेक किया गया और अनेक प्रकार फलों व मिष्ठान का भोग अर्पित किया गया। स्वामी अवंतिकांनद ब्रह्मचारी ने बताया कि गुरूदेव स्वामी कैलाशानंद गिरी द्वारा लोक कल्याण के लिए किए जा रहे विशेष अनुष्ठान का समापन गुरूवार को श्रावण पूर्णिमा के दिन होगा।

अनुष्ठान के समापन पर विशेष हवन व भव्य आरती का आयोजन किया जाएगा। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन जन सम्मिलित होंगे। इस अवसर पर स्वामी अवंतिका नंद ब्रह्मचारी महाराज लाल बाबा,, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पांडे, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, स्वामी अनुरागी महाराज सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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