तनवीर
हरिद्वार, 12 नवम्बर। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के संतों ने बैठक कर हरिद्वार अर्द्धकुंभ, नासिक व उज्जैन कुंभ के आयोजन पर चर्चा की। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि के नेतृत्व तथा अखाड़े के सभापति (अध्यक्ष) श्रीमहंत मोहन भारती की अध्यक्षता तथा वरिष्ठ अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज के संचालन में मायादेवी मंदिर में संपन्न हुई बैठक में श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने अखाड़े द्वारा आयोजित छड़ी यात्रा के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर सभी को बधाई दी।
श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि उज्जैन व नासिक कुंभ मेले के चलते हरिद्वार अर्धकुंभ मेले में शामिल हो पाना संभव नहीं होगा। लेकिन हरिद्वार अर्धकुंभ मेले को ऐतिहासिक एवं सफल बनाने के लिए अखाड़ा पूरा सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के विकास में भी जूना अखाड़ा राज्य सरकार का पूरा सहयोग करेगा। इसके अंतर्गत स्कूल-कालेजों का निर्माण, सड़कें, अस्पताल, सामुदायिक केंद्रों की स्थापना आदि में आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
पलायन रोकने के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे तथा हिंदुओं को एकजुट करने के लिए गांव-गांव जाकर धर्मजागरण अभियान चलाया जाएगा। खेरा मणि गांव में अखाड़े की भूमि पर चारदीवारी कराई जाएगी। पुराने मकानों को गिराकर नए मकान बनाए जाएंगे। ब्रह्मलीन विद्या भारती महाराज, ब्रह्मलीन रंधीर भारती महाराज सहित सभी गुरु-मूर्तियों की समाधियों का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही दत्त भगवान की चरण पादुका का भव्य मंदिर भी बनाया जाएगा।
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर एवं जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता तथा दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ मेले के बाद यह अखाड़े की पहली बैठक थी। बैठक से पूर्व सभी संतों ने भैरव बाबा की पूजा-अर्चना की। बैठक में पहलगाम व दिल्ली आतंकी हमले में मारे गए लोगों तथा उत्तराखंड में थराली, धराली सहित कई अन्य स्थानों पर आई आपदा में हताहत लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस दौरान ब्रह्मलीन हुए संतों को भी श्रद्धांजलि दी गई।
बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमहंत केदारपुरी, उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती, महामंत्री श्रीमहंत महेश पुरी, महामंत्री श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि, सचिव श्रीमहंत कंचन गिरि, सचिव श्रीमहंत ओम भारती, सचिव श्रीमहंत मृत्युंजय पुरी सहित रमता पंच, शंभू पंच, श्री पंच के श्रीमहंत, महंत, थानापति, कोतवाल आदि सहित बड़ी संख्या में संत शामिल रहे।


