योजनाबद्ध तरीके से निजी हाथों में सौंपी जा रही सरकारी व्यवस्थाएं-निर्मल शुक्ला
हरिद्वार, 9 जून। अलकनंदा घाट पर आयोजित नव भारतीय किसान संगठन (अ) के तीन दिवसीय चिंतन शिविर के पहले दिन देश भर से आए किसान प्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों ने मौजूदा सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक परिस्थितियों पर गंभीर मंथन किया। चिंतन शिविर की अध्यक्षता करते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मल शुक्ला ने कहा कि देश में सरकारी व्यवस्थाओं को योजनाबद्ध तरीके से निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।
बिजली के निजीकरण के तहत गांवों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। वहीं छुट्टा पशु किसानों की फसलों को नुकसान पहुँचा रहे हैं, और नकली खाद का खुलेआम विक्रय जारी है। यह सब संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत का परिणाम है। उन्होंने चिंता जताई कि सरकारी अस्पताल, स्कूल यहां तक कि संपत्तियाँ भी किराए पर दी जा रही हैं। जिससे मूलभूत सेवाएं आमजन की पहुंच से दूर होती जा रही हैं। उन्होंने चेताया कि यदि यह क्रम नहीं रुका तो देश की अधिकांश संपत्ति कुछ अमीर घरानों तक सिमट जाएगी और गरीब किसान-मजदूर और अधिक पिछड़ जाएगा।
उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी सुखदेव पाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि संकट गंभीर होता जा रहा है। छोटे किसान भूमिहीन हो चुके हैं। खेती लायक जमीन या तो बिक चुकी है या घरों में तब्दील हो चुकी है। उन्होंने आशंका जताई कि यदि सार्वजनिक वितरण प्रणाली बंद की गई तो देश की 70 फीसदी आबादी भुखमरी का शिकार हो सकती है। योगी राकेशनाथ ने शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में आपसी संवाद और समझदारी से छोटे विवाद सुलझाए जाने चाहिए। उन्होंने शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि सरकार को सरकारी स्कूलों व अस्पतालों की स्थिति में ठोस
सुधार करना चाहिए ताकि आमजन को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षा को निजीकरण की दिशा में ले जाना गलत संदेश है और यह व्यवस्था पर गहरा प्रहार है। सरकार को चाहिए कि वह सरकारी स्कूलों को इतना सशक्त बनाए कि गरीब तबके के लोग गर्व से अपने बच्चों को वहां पढ़ा सकें। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।